Congress On Manipur Violence: कांग्रेस ने एक बार फिर पीएम मोदी को मणिपुर के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की है और इस पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार (18 जून) को कहा कि तो एक और मन की बात हो गई लेकिन मणिपुर पर मौन जारी है. इसको लेकर उन्होंने एक ट्वीट किया है.
इस ट्वीट में कांग्रेस नेता ने कहा, “आज प्रधानमंत्री ने एक और मन की बात की लेकिन मणिपुर को लेकर उनका मौन जारी है. आपदा प्रबंधन में भारत की ज़बरदस्त क्षमताओं के लिए उन्होंने अपनी ही पीठ थपथपाई लेकिन पूरी तरह से मानव निर्मित (जानबूझकर की गई लापरवाही के कारण) उस मानवीय आपदा के बारे में क्या जिसका मणिपुर सामना कर रहा है. अभी तक उन्होंने शांति की कोई अपील नहीं की है. एक ऑडिट न होने वाला पीएम केयर्स फंड है लेकिन क्या पीएम मणिपुर का केयर भी करते हैं, यह असली सवाल है.”
17 जून को भी कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
इससे पहले शनिवार (17 जून) को भी जयराम रमेश ने मणिपुर हिंसा के मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ने अब तक राज्य में शांति के लिए अपील नहीं की. हिंसा प्रभावित इलाके में अब तक सैकड़ों लोगों की जान चली गई है. कई घर और दुकानें और चर्च भी चलाए जा चुके हैं.
जयराम रमेश ने कहा, "आज से 22 साल पहले जब मणिपुर में हिंसा भड़की थी तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. उस समय सभी पार्टियों की मांग पर दो बार सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. प्रधानमंत्री ने शांति की अपील की थी. इस बार जब मणिपुर जल रहा है तब प्रधानमंत्री ने शांति की कोई अपील नहीं की. मणिपुर के 10 पार्टियों के नेता पीएम से मिलने के इंतजार में हैं, लेकिन वह खामोश हैं."
पीएम मोदी से मुलाकात की मांग
जयराम रमेश ने आगे कहा, "10 दलों के नेता 10 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलने के लिए पत्र लिख चुके हैं, लेकिन आज तक समय नहीं मिला है. हम इस उम्मीद में हैं कि विदेश जाने के पहले प्रधानमंत्री मणिपुर के सर्वदलीय शिष्टमंडल से मुलाकात करेंगे और इसलिए सभी नेता दिल्ली में ही रुके हुए हैं."
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