(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Manipur Violence: 'पीएम मोदी ने अब तक नहीं की शांति की अपील', जानें मणिपुर हिंसा को लेकर क्या कुछ बोली कांग्रेस
Jairam Ramesh On Manipur Violence: मणिपुर में बीते महीने 3 मई को हिंसा शुरू हुई थी. मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ राज्य के कुकी समेत दूसरे जनजातीय समुदाय ने रैली निकाली थी.
Jairam Ramesh On PM Modi: मणिपुर (Manipur) में अशांति के बीच अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाए हैं. उनका आरोप है कि पीएम मोदी ने अब तक राज्य में शांति के लिए अपील नहीं की है. हिंसा प्रभावित राज्य में अब तक सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. कई घर, दुकानें चर्च जलाए जा चुके हैं.
जयराम रमेश ने कहा, "आज से 22 साल पहले जब मणिपुर में हिंसा भड़की थी तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. उस समय सभी पार्टियों की मांग पर दो बार सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. प्रधानमंत्री ने शांति की अपील की थी. इस बार जब मणिपुर जल रहा है तब प्रधानमंत्री ने शांति की कोई अपील नहीं की. मणिपुर के 10 पार्टियों के नेता पीएम से मिलने के इंतजार में हैं, लेकिन वह खामोश हैं."
पीएम मोदी से मुलाकात की मांग
जयराम रमेश ने आगे कहा, "10 दलों के नेता 10 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलने के लिए पत्र लिख चुके हैं, लेकिन आज तक समय नहीं मिला है. हम इस उम्मीद में हैं कि विदेश जाने के पहले प्रधानमंत्री मणिपुर के सर्वदलीय शिष्टमंडल से मुलाकात करेंगे और इसलिए सभी नेता दिल्ली में ही रुके हुए हैं."
राज्य सरकार पर भी निशाना
जयराम ने आगे कहा कि इस बार 40 दिनों से हिंसा हो रही है लेकिन प्रधानमंत्री की ओर से न तो कोई बयान आया है और न ही कोई अपील. आज हमारे साथ तीन ऐसे नेता हैं जिन्होंने 2001 में उस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में अटल बिहारी वाजपेई से मुलाकात की थी. इनमें लगातार 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहने वाले इबोबी सिंह और मणिपुर विधानसभा के दो पूर्व अध्यक्ष भी हैं. राज्य सरकार बिल्कुल विफल रही है और यह साफ हो गया है कि आप राज्य सरकार से कोई उम्मीद नहीं है.
'अब उम्मीद केवल प्रधानमंत्री से है'
उन्होंने कहा, "हम प्रधानमंत्री से अपील करते हैं और मांग भी करते हैं कि आपने नेहरू का नाम तो मिटा दिया, लेकिन अटल बिहारी वाजपेई से ही कुछ सीखिए और इस प्रतिनिधिमंडल से मिलिए. राज्य सरकार पूरी तरह फेल हो गई है और गृहमंत्री के वहां जाने से भी कोई खास फर्क नहीं पड़ा है अब उम्मीद केवल प्रधानमंत्री से है." राष्ट्रपति शासन लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वो स्थिति को देखते हुए क्या एक्शन लेते हैं.
ये भी पढ़ें: