Manipur Violence: मणिपुर में फिर बढ़ा इंटरनेट पर प्रतिबंध, हिंसा में अबतक 120 की मौत और तीन हजार लोग घायल
Manipur Internet Ban: मणिपुर में तीन मई को जातीय समुदायों के बीच झड़पें शुरू होने के बाद पहली बार इंटरनेट पर बैन लगाया था. इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है.
Manipur Crisis: मणिपुर में अब 10 जुलाई दोपहर तीन बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है. मणिपुर सरकार ने बुधवार को कहा कि शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर रोक पांच दिन बढ़ा दी है.
गृह आयुक्त टी. रणजीत सिंह की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाएं भड़काने वाली तस्वीरें, नफरत भरे भाषण और वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसका कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर असर हो सकता है.'
हिंसा में 120 लोगों की मौत
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच झड़पों में करीब 120 लोगों की जान जा चुकी है और 3,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. पहली बार हिंसा तीन मई को तब भड़की, जब मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में ‘जनजातीय एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था.
मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं. जनजातीय नगा और कुकी आबादी का हिस्सा 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं.
मणिपुर पर संसद में सरकार से स्पष्ट जवाब मांगेगी कांग्रेस
कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि वह संसद के आगामी मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा के मामले पर सरकार से स्पष्ट जवाब और जवाबदेही की मांग की करेगी. मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मणिपुर का दौरा करना चाहिए और खुद की अगुवाई में सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री ने हम सभी को गौरवान्वित करने वाली शानदार जीत के सिलसिले में भारतीय फुटबाल टीम को बधाई देने का समय निकाल लिया लेकिन वह मणिपुर के विषय पर लगातार चुप्पी साधे हुए हैं. मणिपुर के तीन फुटबॉल खिलाड़ी इस टीम का हिस्सा हैं और प्रधानमंत्री की चुप्पी इन सभी को आहत करती है."
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