Manipur violence News: मणिपुर में हिंसक हालात थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा घटना में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास के पास मौजूद पुलिस के मणिपुर राइफल्स परिसर को घेरकर भीड़ ने गोला बारूद लूटने की कोशिश की है. हालांकि सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) की मदद से पुलिस ने हवाई फायरिंग की और भीड़ को खदेड़ने में सफल रही जिसकी वजह से इस लूट को रोका जा सका है.


पुलिस अधिकारी की हत्या के बाद राज्य सरकार पर निष्क्रियता के आरोप


रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी इंफाल में भीड़ ने बुधवार (1 नवंबर) को हथियारों की मांग को लेकर पुलिस कार्यालय परिसर को घेर लिया था. भीड़ का आरोप था कि SDPO रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चौधरी आनंद की हत्या के बाद राज्य सरकार निष्क्रियता बरत रही है. जिन लोगों ने थाने का घेराव किया था उनका कहना था कि उन्हें गोला बारूद दे दिया जाए, वे हमलावरों से बदला ले लेंगे. कुछ लोग शस्त्रागार तक पहुंच भी गए थे, लेकिन तब CRPF की मदद से पुलिस ने हवाई फायरिंग शुरू कर दी और भीड़ को खदेड़ना शुरू किया गया जिसके बाद लोग तितर-बितर हुए.


कथित तौर पर स्थानीय युवा समूह अरामबाई तेंगगोल के नेतृत्व में भीड़ ने थाने का घेराव किया था. राज्य के सीमावर्ती शहर मोरेह में एक विद्रोही स्नाइपर द्वारा एक एसडीपीओ रैंक के पुलिस अधिकारी की हत्या के बाद क्षेत्र में हमलावरों के खिलाफ गुस्से का माहौल है.


सरकार ने वापस ली कर्फ्यू में दी गई ढील


मुख्यमंत्री आवास के पास थाने पर भीड़ के हमले के बाद राज्य सरकार ने एहतियात बरतते हुए ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कर्फ्यू में दी गई ढील को वापस ले लिया है. एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, मणिपुर सरकार ने कानून व्यवस्था की वर्तमान स्थिति का हवाला देकर इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक दैनिक कर्फ्यू में छूट को तत्काल प्रभाव से वापस ले ली है.


आपको बता दें कि आदिवासी उग्रवादियों द्वारा मोरेह शहर में मंगलवार (31 अक्टूबर) की सुबह एक ऑन-ड्यूटी एसडीपीओ की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद राजधानी में गुस्से का माहौल है. आरोप है कि इस हमले के पीछे विदेशी लोगों का हाथ है. म्यांमार के 32 नागरिकों को हिरासत में लिया गया है. मई महीने की शुरुआत से मणिपुर में शुरू हुई हिंसा में अब तक 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5000 से ज्यादा लोग विस्थापित हैं.


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