मणिपुर में फिर उग्र हुए उग्रवादी! जिरीबाम में 6 लोगों के अपहरण के कुछ दिन बाद मिले 3 शव
Manipur News: अधिकारी की मानें तो तीनों शव उस स्थान से 15-20 किलोमीटर दूर पाए गए, जहां एक ही परिवार के 6 लोगों को अगवा किया गया था. हालांकि अभी शवों की पहचान नहीं हो सकी है. पुलिस आसपास चेक कर रही है.
Three Deadbody found Near The Manipur-Assam Border: मणिपुर-असम बॉर्डर के पास शुक्रवार (15 नवंबर 2024) को एक शिशु समेत दो बच्चों और एक महिला के क्षत-विक्षत शव मिलने से से सनसनी फैल गई. कुछ दिन पहले ही जिरीबाम में उग्रवादियों ने एक परिवार के छह सदस्यों का अपहरण किया था. ऐसे में चर्चा है कि ये शव उन्हीं का हो सकता है.
अधिकारियों के अनुसार, तीनों शव अंतर-राज्यीय सीमा के पास एक नदी के पास और अपहरण की जगह से लगभग 15 किलोमीटर दूर मिले. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि शव अपहरण किए गए लोगों का ही है या नहीं. नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, "शवों को पहचान के लिए सिलचर ले जाया गया है. उनकी पहचान अभी नहीं हो पाई है.
मंगलवार को दो और लोगों के मिले थे शव
अधिकारी की मानें तो तीनों शव उस स्थान से 15-20 किलोमीटर दूर पाए गए, जहां एक ही परिवार के 6 लोगों को अगवा किया गया था. अगर पुलिस पहचान की पुष्टि करने में असमर्थ रहती है, तो डीएनए परीक्षण किया जाएगा. बता दें कि इससे पहले मंगलवार (12 नवंबर 2024) को जिरीबाम गांव से दो नागरिकों के शव बरामद किए गए थे, इससे एक दिन पहले सोमवार को सुरक्षा अधिकारियों ने सीआरपीएफ चौकी पर हुए उग्रवादी हमले के जवाब में 10 उग्रवादियों को मार गिराया था. इसके बाद उग्रवादियों ने इसी गांव के एक मैतेई परिवार के छह सदस्य- तीन महिलाएं और तीन बच्चों को अगवा कर लिया था.
हिंसा को देखते हुए कुछ जिलों में सरकार ने लगाया है AFSPA
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार (14 नवंबर, 2024) को मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के मद्देनजर पांच जिलों में छह पुलिस थानों की सीमाओं को "अशांत क्षेत्र" घोषित करते हुए सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को फिर से लागू कर दिया था. AFSPA, जो सशस्त्र बलों को बेलगाम शक्ति देता है, को अप्रैल 2022 में मणिपुर सरकार की ओर से बेहतर सुरक्षा स्थिति और आम जनता के बीच सुरक्षा की बड़ी भावना के बीच इन क्षेत्रों से हटा लिया गया था. अब स्थिति बिगड़ने पर इसे फिर से लागू किया गया है. नया आदेश 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी रहेगा.
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