मणिपुर में कहां से आ रहे मॉर्डन वेपन, किसने टाइम बम पर बिठाया? आसमानी आतंक का जमीनी रूट EXPOSED
Drone Attack: इंफाल वेस्ट में पड़ने वाले कदमबन के पास मौजूद सिंगादम डैम के बगल में एलाइड पर्वत है. इसी के टॉप से ड्रोन ऑपरेट किया जाता है और विद्रोही ड्रोन को ऑपरेट करके यहां मिसाइल से हमला करते हैं.
Manipur Violence Latest Newx: “चारों तरफ़ हैं शोले हम-साए जल रहे हैं, मैं घर में बैठा बैठा बस हाथ मल रहा हूं...”. आलम खुर्शीद की यह उर्दू शायरी मणिपुर पर फिट बैठती है. 1 साल 4 महीने से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में अब भी जिंदगी पटरी पर आती नहीं दिख रही है, रोज कहीं न कहीं हिंसा की आग की लपटें उठ रहीं हैं और उसमें बेगुनाह लोग जल रहे हैं.
बीतते वक्त के साथ हिंसा का रूप भी बड़ा होता जा रहा है, कल तक हाथों में लाठी-डंडे लेकर आगजनी और तोड़फोड़ करने वाले अब ड्रोन और रॉकेट लॉन्चर से हमला कर रहे हैं. हालांकि बड़ा सवाल ये है कि इन विद्रोहियों के पास मॉडर्न वेपन आ कहां से रहे हैं? हाईटेक हथियारों का जखीरा इन्हें कौन दे रहा है? आखिर मणिपुर को टाइम बम पर किसने और क्यों बिठाया? आज हम इसी पर करेंगे विस्तार से बात.
आसमानी 'आतंक' का जमीनी रूट क्या है?
आसमानी आतंक सुनकर आपको हैरानी हो रही होगी, लेकिन मणिपुर पिछले कुछ दिनों से इसे झेल रहा है. हम बात कर रहे हैं. इंफाल वेस्ट में पड़ने वाले कदमबन की, जो कई ड्रोन हमले झेले चुका है. 2 सिंतबर को यहां पहला ड्रोन बम अटैक हुआ था. सबसे ज्यादा खतरा KPI इलाके में है. इस इलाके में एक तरफ नागा हैं तो दूसरी तरफ कुकी हैं. ऊपर से अटैक होते हैं. इसी एरिया में कांगपोपकी इलाका है जहां सिंगादम डैम भी है. इसी के बगल में एलाइड पर्वत है और इसी के टॉप से ड्रोन ऑपरेट किया जाता है. ड्रोन को ऑपरेट करके यहां टारगेट किया जाता है. वहां से अटैक होता है तो यहां पोजिशन ली जा सकती है. इसी टॉप हिल पर आपको टेरर का सबसे खौफनाक किला नजर आएगा.
हमलावरों के पास खतरनाक हथियार
ड्रोन हमले के अलावा भी विद्रोहियों के पास कई खतरनाक हथियार मौजूद हैं. L9A1 51 mm light mortar जैसे हथियार आपको इनके पास दिख जाएंगे. ये हाई एक्सपोलिब बम है. हमलावरों ने बताया कि उन्होंने शिलॉंग में नेपा में जाकर पुलिस ट्रेनिंग अकैडमी में बकायदा ट्रेनिंग भी ले रखी है. A1-51 मोर्टार के अलावा इनके पास AK-47, इंसास रायफल, इसापोर फैक्ट्री में बनी 7.64 मिलिमीटर की सेल्फ लोडिंग राइफल्स और स्टेन कार्बाइन जैसे हथियार भी इनके पास हैं. कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मणिपुर को ये हथियार चीन और म्यामांर जैसे देशों से सप्लाई हो रहे हैं.
बचने के लिए घने जंगलों में बंकर का सहारा
ड्रोन से होने वाले विस्फोटक हमलों से बचने के लिए लोगों ने बंकर बना रखे हैं. यहां के स्थानीय लोगों ने कदमबन इलाके में कई जगह पर बंकर बना रखे हैं..ये एक बंकर नहीं हैं. बल्कि अलग अलग इलाकों में आपको ऐसे बंकर दिख जाएंगे. वॉकी टॉकी से एक दूसरे को हमले की सूचना दी जाती है ताकि समय रहते इन बंकरों में छिपकर जान बचाई जा सके. रोटेशन वाइज लोग 24 घंटे ड्यूटी करते हैं. लोगों का कहना है कि वो कब अटैक करेंगे कोई भरोसा नहीं...पुलिस की मदद मिलती है. विलेज डिफेंस के साथ मिलकर ड्यूटी कर रहे हैं. हमले का खतरा हर दिन 24 घंटे रहता है. बंकर में एक आदमी 3 3 घंटे ड्यूटी करता है.
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