Manipur Drug Trafficking: मणिपुर में दो महीने से चल रही हिंसा के बीच अब ड्रग तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है. अगरतला सेक्टर असम राइफल्स की श्रीकोना बटालियन ने करीब 2 करोड़ के हिरोइन के साथ 4 लोगों को हिरासत में लिया है. एक अफसर ने बताया, तस्करों को नार्को-आतंकवाद के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत कछार जिले के लखीपुर सब-डिविजन से पकड़ा.


अगरतला सेक्टर असम राइफल्स की श्रीकोना बटालियन ने असम राइफल्स (पूर्वी) के इंस्पेक्टर जनरल के संरक्षण में 24 साबुन केस जब्त किए गए जिसमें करीब 2 करोड़ के ड्रग्स होने की संभावना है, डीआरआई ने अपने बयान में दी ये जानकारी. 


तीन मई से चल रही हिंसा


उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में हिंसा की घटनाएं तीन मई से चल रही है जिससे समाज का लगभग हर वर्ग प्रभावित हैं. ये हिंसा तब शुरू हुई जब मणिपुर की दो बड़ी समुदाएं कुकी और मेइती में से मेइती समुदाय ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’आयोजित किया था.


एक अफसर के अनुसार, राज्य में अशांति के माहौल के बीच तस्कर मणिपुर से असम इन ड्रग्स की ट्रैफिकिंग करने के फिराक में थे. उत्तर पूर्वी राज्यों की गोल्डन ट्राइएंगल के निकट होने की वजह से वहां ड्रग तस्करी एक बड़ी समस्या. 


क्या है गोल्डन ट्रायंगल


म्यांमार देश, थाइलैंड और लाओस के साथ गोल्डन ट्रायंगल का हिस्सा है यानी कि दुनिया का 68 प्रतिशत गैरकानूनी अफीम इन देशों में ही बनता और प्रतिशोधित होता है. म्यांमार का बॉडर भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में 1643 किमी तक लगता है. यही वजह है कि इन राज्यों में ड्रग ट्रैफिकिंग इतनी बढ़ी हुई है.


राज्य में इंटरनेट बैन


मणिपुर में 3 मई को पहली बार हिंसा होने के अगले ही दिन से इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. दो महीने से इसकी भी बैन की अवधि बढ़ती ही जा रही है. इंटरनेट बैन के खिलाफ पिटीशन पर मणिपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए गृह विभाग से मामले पर विस्तार रिपोर्ट मांगी है.


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