Manipur Violence: मई से जुलाई तक 140 से ज्यादा मौतें, 300 घायल, 5000 हिंसक घटनाएं, 50000 लोगों का विस्थापन, 78 दिनों से हिंसा जारी
Manipur Violence: पिछले करीब दो महीने से मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है, इसी बीच अब दो महिलाओं के कपड़े उतारकर घुमाने का वीडियो सामने आया है, जिसे लेकर जमकर बवाल है.
Manipur Violence Video: मणिपुर पिछले करीब दो महीने से हिंसा की आग में झुलस रहा है. यहां कुकी और मैतई समुदाय के लोगों के बीच संघर्ष इतना बढ़ गया कि इसमें अब तक 140 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं इसी संघर्ष के बीच मणिपुर से एक वीडियो सामने आया, जिसने पूरी इंसानियत को शर्मसार करके रख दिया. इस वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराते हुए देखा जा सकता है. वीडियो सामने आने के बाद से हर तरफ इस घटना को लेकर गुस्सा है और लोग पूछ रहे हैं कि आखिर मणिपुर कब शांत होगा. आइए जानते हैं कि पिछले दो महीने में मणिपुर में क्या-क्या हुआ.
मणिपुर हिंसा की शुरुआत 3 मई 2023 को हुई. जब बड़ा जातीय संघर्ष भड़क उठा. हालांकि, 27 अप्रैल, 2023 को भी हिंसा हुई, तब मुख्यमंत्री जिस ओपन जिम का उद्घाटन करने वाले थे, उसमें आग लगा दी गई थी. इसके बाद से अब तक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. आइए प्वाइंटर्स में जानते हैं कि कैसे और क्यों हिंसा की आग भड़कती चली गई.
- कितने दिन तक हिंसा - 19 जुलाई, 2023 को 77 दिन पूरे हो गए
- कारण - मणिपुर में मैतई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में निकाली गई रैली के दौरान भड़की हिंसा अब तक नहीं थमी है.
- सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र - इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व और चुराचांदपुर जिले
- मारे गए लोग - 140 से अधिक
- घायल - 300 से अधिक
- हिंसक घटनाएं – 5,000 से अधिक
- कुल FIR – 5,995
- कुल हिरासत में लिए गए लोग – 6,700 से ज्यादा (प्रिवेंटिव डिटेंशन भी शामिल)
- सुरक्षा बल तैनात - शांति बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बल और सेना मौजूद
- राहत शिविर स्थापित - लगभग 350 राहत शिविर
- विस्थापित लोग - लगभग 50,000
- इमारतें क्षतिग्रस्त - लगभग 3,500 घर और धार्मिक स्थल क्षतिग्रस्त
विपक्ष लगातार उठा रहा सवाल
अब इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक एंगल क्या है, ये भी जान लेते हैं. मणिपुर में बीजेपी की सरकार है और इसके मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह हैं. विपक्षी पार्टियां लगातार मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाती रही हैं. कांग्रेस, TMC, NCP और अन्य पार्टियों ने PM मोदी के इस मामले पर ध्यान न देने का मुद्दा उठाया है. सोनिया गांधी ने 21 जून को मणिपुर हिंसा पर एक वीडियो संदेश दिया था. इसके अलावा कांग्रेस नेताओं (मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, पी.चिदंबरम आदि) ने भी कई मौकों पर मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाया है.
एनसीपी चीफ शरद पवार ने मणिपुर हिंसा को नियंत्रित करने के लिए शक्ति और संसाधनों का ठीक से उपयोग नहीं करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की थी. ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हिंसा प्रभावित मणिपुर की यात्रा में देरी को लेकर उन पर निशाना साधते हुए कहा था कि केंद्र को पहले ही राज्य में जाना चाहिए था, लेकिन उनके पास समय नहीं था. शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि मणिपुर अभी भी जल रहा है, पीएम मोदी को अमेरिका नहीं बल्कि मणिपुर का दौरा करना चाहिए. AAP ने भी पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा पर भी निशाना साधा था.
मणिपुर की पूरी जानकारी
- क्षेत्र- 22,327 वर्ग कि.मी.
- जनसंख्या – 31.94 लाख (अनुमानित 2022)
- राजधानी – इंफाल
- राज्य भाषा – मणिपुरी
- साक्षरता दर – 79.85 %
- अनुसूचित जनजातियां - 34 (सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त)
- विधानसभा - 60 (40 सामान्य, 19 एसटी, 1 एससी)
- लोक सभा सीटें – 2
- तीन मुख्य समुदाय हैं - मैतई, नगा और कुकी
- मैतई ज्यादातर हिंदू हैं - जनसंख्या में भी मैतई ज़्यादा हैं
- नगा और कुकी ज्यादातर ईसाई हैं (नागा और कुकी जनजाति में आते हैं)
कैसे शुरू हुआ था विवाद
19 अप्रैल 2023 को मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग पर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. कोर्ट के इसी आदेश के बाद आदिवासी और गैर-आदिवासियों के बीच संघर्ष शुरू हुआ. आदिवासी छात्र संगठनों की बैठक हाईकोर्ट के आदेश के बाद 21 अप्रैल 2023 और 27 अप्रैल 2023 को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) की तरफ से बुलाई गई थी.
इसके बाद 27 अप्रैल 2023 की बैठक में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने 3 मई को 'आदिवासी एकता मार्च' निकालने का फैसला किया. इसी एकता मार्च के दौरान बुधवार 3 मई को हिंसा भड़क गई थी. आदिवासी समुदाय गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को शेड्यूल ट्राइब (ST) का दर्जा दिया जाने का विरोध कर रहा था.
मैतेई समुदाय की मांग
मैतेई समुदाय को एसटी दर्जा की मांग करने वाले संगठन का कहना है कि ये सिर्फ नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का मुद्दा नहीं है, बल्कि ये पैतृक जमीन, संस्कृति और पहचान का मसला है. संगठन का कहना है कि मैतेई समुदाय को म्यांमार और आसपास के पड़ोसी राज्यों से आने वाले अवैध प्रवासियों से खतरा है.
हाईकोर्ट के फैसले को SC में चुनौती
मणिपुर हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच केस की सुनवाई कर रही है.
नगा-कुकी जनजाति आरक्षण के विरोध में
मणिपुर की नगा और कुकी जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में है. कुकी और नागा जनजाति मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा देने के खिलाफ हैं क्योंकि मैतेई का पहले से ही नौकरियों और सरकार में बेहतर प्रतिनिधित्व है और आदिवासियों की तुलना में उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर है. उनका तर्क है कि एसटी का दर्जा मिलने से वे जरूरत से ज्यादा नौकरियां और लाभ हासिल कर लेंगे. उन्हें ये भी डर है कि एसटी का दर्जा मिलने के बाद मैतेई समुदाय के लोग नगा और कुकी जनजाति की जंगल की जमीन पर कब्जा कर लेंगे.
मणिपुर में घाटी और पहाड़ी विभाजन
- 60 % से अधिक आबादी घाटी में रहती है
- मैतेई की आबादी 50% से अधिक हैं - जो 10% भूभाग पर बसा है (इम्फाल घाटी)
- बाकी 90 % हिस्सा पहाड़ी है - इस हिस्से में राज्य की बाकी 35% आबादी रहती है
- इसमें नागा जनजातियों के साथ, कुकी समेत 34 मान्यता प्राप्त जनजातियां शामिल हैं
मणिपुर में किसका दबदबा
- राजनीतिक रूप से मैतेई समुदाय का मणिपुर में दबदबा है.
- मणिपुर के कुल 60 विधायकों में 40 विधायक मैतई समुदाय से हैं.
- नगा और कुकी जनजातियों को आशंका है कि एसटी वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों में बंटवारा होगा.
- मौजूदा कानून के अनुसार मैतेई समुदाय को राज्य के पहाड़ी इलाकों में बसने की इजाजत नहीं है
गृहमंत्री अमित शाह का मणिपुर दौरा
गृहमंत्री ने 29 मई से 1 जून तक मणिपुर का दौरा किया था. जिसे केंद्र सरकार की शांति बहाली प्रक्रिया का हिस्सा बताया गया. इस दौरान उन्होंने कुकी और मैतेई प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. शाह ने प्रमुख अधिकारियों और वहां के प्रमुख नेताओं के साथ वहां की स्थिति पर बैठक की थी. इसके अलावा मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से भी मुलाकात हुई थी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को गृहमंत्री ने दोनों समूहों के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने का काम सौंपा था.
केंद्र सरकार की कार्रवाई
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने कार्रवाई की और भारतीय सेना और असम राइफल्स से अतिरिक्त सैनिकों को भेजा. राज्य में सुरक्षाबलों के लगभग 36 हज़ार जवान तैनात हैं. 40 IPS अधिकारियों को मणिपुर भेजा गया है. वहीं 20 मेडिकल टीमें भी भेजी गई हैं. दवाओं सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. यहां तक कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को भी सेवा में लगाया गया है.
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पूर्व महानिदेशक कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया. इसके अलावा राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों में कर्फ्यू लगा दिया, इंटरनेट निलंबित कर दिया और हिंसक भीड़ को लूटपाट और आगजनी करने से रोकने के लिए देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए. 13 जून के बाद से हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. हालांकि इसके बाद भी हिंसा की छिटपुट घटनाएं दर्ज की गई हैं.
मौजूदा घटनाक्रम
- 19 जून, 2023 - मैतेई विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मणिपुर के भाजपा प्रभारी संबित पात्रा से मुलाकात की.
- 3 मई से हिंसा से प्रभावित मणिपुर के 9 बीजेपी विधायकों ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा. उन्होंने कहा कि राज्य में लोगों का मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार पर से विश्वास उठ गया है.
- इस मुद्दे पर 4 जून 2023 को अमित शाह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. तीन घंटे तक चली बैठक में 18 राजनीतिक दल, पूर्वोत्तर के चार सांसद और क्षेत्र के दो मुख्यमंत्री शामिल हुए थे.
- अमित शाह ने PM मोदी को 26 जून 2023 को मणिपुर हिंसा के बारे में अपडेट दी (पीएम की अमेरिका / मिस्र यात्रा से वापसी के बाद)
- 29-30 जून - राहुल गांधी ने मणिपुर का दौरा किया (राहत शिविरों का दौरा, समाज के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत, राहत शिविरों में लोगों से मुलाकात)
- 18 जुलाई को स्थानीय लोगों और रैपिड एक्शन फोर्स के बीच संघर्ष- 19 महिलाएं घायल, पुलिस वाहन को आग लगा दी गई.
- 19 जुलाई - सरकार ने बताया कि वह संसद के मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है.