Manipur Violence Update: केंद्र सरकार ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया. गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा इस आयोग की अध्यक्षता करेंगे. गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि जांच आयोग मणिपुर में दंगा, हिंसा के कारणों और प्रसार की जांच करेगा. छह महीने के अंदर आयोग को इसकी रिपोर्ट सौंपनी होगी. 


गृह मंत्रालय ने कहा कि मणिपुर हिंसा मामले में जांच आयोग यह देखेगा कि क्या जिम्मेदार अधिकारियों और लोगों की तरफ से कर्तव्य को निभाने में चूक या लापरवाही हुई. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार (4 जून) को मणिपुर के लोगों से राष्ट्रीय राजमार्ग-2 से नाकेबंदी हटाने की अपील की, ताकि राज्य में भोजन, दवा और ईंधन जैसी बुनियादी और जरूरी चीजें पहुंच सकें.


3 मई से हुई हिंसा की शुरुआत 


मणिपुर के कई इलाकों में अभी भी छिटपुट हिंसा जारी है. मैतेई और कुकी की आपसी लड़ाई अब पूरे राज्य को प्रभावित कर रही है. अब तक 80 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इस हिंसा की शुरुआत तीन मई से हुई. अमित शाह ने अपने दौरे के दौरान कहा था कि हाईकोर्ट के जल्दबाजी में दिए एक फैसले की वजह से मणिपुर में हिंसा भड़की थी. 


मणिपुर में हिंसा की वजह?


हाईकोर्ट की तरफ से मैती समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग को स्वीकार करने के बाद मैती समुदाय निशाने पर आ गया था. हाईकोर्ट के फैसले के अलावा मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सख्ती को भी इस हिंसा के पीछे का कारण बताया गया था. बीरेन सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में अवैध कब्जों पर कार्रवाई और अफीम की खेती पर शिकंजा कसा था.


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