Manipur Violence: मणिपुर हिंसा पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रखी स्टेटस रिपोर्ट, कहा- स्थिति सुधर रही है
Manipur: मणिपुर में तीन मई को जातीय समुदायों के बीच झड़प शुरू हुई थी. अगले दिन पहली बार राज्य में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है.
Manipur Violence Internet Ban: मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सुविधा बहाल करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. राज्य सरकार ने कहा है कि स्थिति में बार-बार बदलाव हो रहा है. अभी इस आदेश पर अमल से मुश्किल हो सकती है. मणिपुर हिंसा मामले पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट रखी. सॉलिसीटर जनरल ने कहा, स्थिति सुधर रही है. इस समय किसी भी अफवाह से बचने की जरूरी है.
चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता से कहा, इस रिपोर्ट को देखकर अपनी तरफ से सुझाव दें. हम कल सुनवाई करेंगे. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने मांग की कि ड्रग्स और अपराध को लेकर UN रिपोर्ट को भी रिकॉर्ड पर लिया जाए. इससे मणिपुर में जो हो रहा है, उसे समझने में मदद मिलेगी.
चीफ जस्टिस ने कहा कि उन्हें भी अपनी बात रखने का मौका मिलेगा. कोर्ट सामान्य स्थिति की बहाली में योगदान देना चाहता है. मणिपुर ट्राइबल फोरम के वकील कॉलिन गोंसाल्विस ने कहा कि सरकार के संरक्षण में कुकी आदिवासियों को निशाना बनाया जा रहा है. चीफ जस्टिस ने उन्हें रोकते हुए कहा, कानून व्यवस्था सरकार का काम है. सुप्रीम कोर्ट इसे नहीं चला सकता. कल होने वाली सुनवाई में लोगों की मदद पर सुझाव दीजिए. मणिपुर में इंटरनेट बहाली के मामले पर भी कल ही सुनवाई होगी.
कब से मणिपुर में बैन है इंटरनेट
मणिपुर में तीन मई को जातीय समुदायों के बीच झड़प शुरू हुई थी. अगले दिन पहली बार राज्य में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है.
मणिपुर में पिछले दो महीने से हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. यहां इंटरनेट पर बैन लगे भी दो महीने से ज्यादा हो गए. हाल ही में मणिपुर सरकार ने इंटरनेट पर 10 जुलाई तक के लिए बैन बढा दिया था. इंटरनेट बैन के खिलाफ याचिकाओं पर मणिपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि गृह विभाग मामले दर मामले के आधार पर इंटरनेट सेवा प्रदान कर सकता है.
हाईकोर्ट में 25 जुलाई को सुनवाई
मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 'नागरिकों के जीवन और संपत्ति' की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए मोबाइल फोन पर इंटरनेट सेवा का फिजिकल एग्जामिनेशन करने का निर्देश दिया था. अदालत ने इस संबंध में विस्तार रिपोर्ट मांगी है. अदालत मामले की सुनवाई 25 जुलाई को करेगी. कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद, जस्टिस ए. बिमल और जस्टिस ए. गुनेश्वर शर्मा की खंडपीठ ने कहा था, "समिति की ओर से दिए गए सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित करते हुए 'फाइबर टू द होम' (एफटीटीएच) कनेक्शन के मामले में, गृह विभाग मामले दर मामले के आधार पर इंटरनेट सेवा प्रदान कर सकता है."
मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. इंफाल पश्चिम जिले में शुक्रवार रात (7 जुलाई) एक उग्र भीड़ ने दो वाहनों को फूंक दिया, जबकि इंफाल पूर्व जिले में दो समुदायों के बीच रुक-रुककर गोलीबारी की सूचना है. पीटीआई के अनुसार, यहां ऐतिहासिक कंगला किले के पास 150-200 लोगों की उग्र भीड़ ने दो वाहनों में आग लगा दी और पुलिस से हथियार छीनने की भी कोशिश की.
ये भी पढ़ें-
चुनाव चिन्ह को लेकर फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे उद्धव, 31 जुलाई को होगी सुनवाई