Manipur Violence: मणिपुर के एच वाजांग गांव के निवासियों ने एकता और सद्भाव का संदेश देने के लिए अपने घरों के बाहर सफेद झंडे लगाए हैं. यह मणिपुर राज्य में मैतई और कुकी के बीच मतभेद मिटाने का प्रयास है. राज्य में हाल ही हुई दो जातियों के बीच झड़प के स्थिति तनावपूर्ण है. इसमें 60 से अधिक लोग मारे गए है. राज्य के एक गांव ने अपने निवासियों को लहराते हुए और सफेद झंडे दिखाते हुए एकता और सद्भाव का संदेश दिया है.


पल्लेल शहर राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 48 किमी दूर है. इस गांव में सफेद झंडों के प्रदर्शन ने मतभेदों को दूर करने और समुदायों के बीच समझ को बढ़ावा देने का प्रयास किया है. हालांकि संवेदनशील स्थिति में एकता का संदेश फैलाना आसान नहीं था. भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने और दोनों समुदायों के बीच स्थिति को ठीक करने के इरादे से कई सामुदायिक बैठक भी आयोजित की गईं. 


हिंसा की कोई घटना नहीं आई है सामने
स्थानीय प्रशासन और समुदाय के नेताओं को विकास की गति को बनाए रखने के लिए समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. इन बैठकों ने दोनों समुदायों को अपनी चिंताओं को व्यक्त करने, सुलह और शांतिपूर्ण रहने के लिए कहा गया.


साथ ही इन सभाओं के दौरान दोनों समुदायों ने शांति बनाए रखने के लिए कहा है. दोनों पक्षों से दिए गए आश्वासन निवासियों के बीच तनाव को कम करने और सुरक्षा की भावना के लिए सही साबित हुई. इसके अलावा अभी तक इलाके में हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई है


3 मई को हुई थी झड़प
राज्य में इस समय सफेद झंडे को लगाने का काम बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ऐसे समय किया गया है जब 3 मई को एक मार्च के बाद मणिपुर में झड़पों के बाद भी तनाव बना हुआ है. सफेद झंडे को लगाना एकता और एकजुटता का संदेश देता है. साथ ही यह दर्शाता है कि कलह पर शांति की जीत हो सकती है.


3 मई को 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान मणिपुर में बड़े पैमाने पर झड़पें हुईं. यह कार्यक्रम मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में आयोजित किया गया था. एच वजांग में लहराए गए सफेद झंडों के साथ, दोनों समुदायों के लिए अपने मतभेदों को दूर करने और समझ, सम्मान और सहयोग के आधार पर भविष्य का निर्माण करने की उम्मीद कर सकते हैं.


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