मणिपुर में पिछले साल 3 मई से हिंसा जारी है. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. ऐसे में अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक्शन मोड में आ गए हैं. उन्होंने मणिपुर को लेकर हिंसा बुलाई है. इस बैठक में सीएम वीरेन सिंह और राज्य के तमाम बड़े अधिकारी मौजूद रहेंगे. इससे पहले शाह ने रविवार को जम्मू कश्मीर की स्थिति को लेकर तमाम अधिकारियों के साथ बैठक की थी.


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों और अन्य सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी इस संबंध में एक उच्च-स्तरीय बैठक में हिस्सा लेंगे. मणिपुर की राज्यपाल अनुसूइया उइके ने रविवार को यहां शाह से मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि दोनों ने राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा की.

मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी. तब से जारी हिंसा में कुकी और मेइती समुदायों तथा सुरक्षा बलों के 220 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने 10 जून को मणिपुर में एक साल के बाद भी शांति नहीं कायम होने पर चिंता जताई थी.  भागवत ने नागपुर में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है. दस साल पहले मणिपुर में शांति थी. ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा. चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है.’’  आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अशांति या तो भड़की या भड़काई गई, लेकिन मणिपुर जल रहा है और लोग इसकी तपिश का सामना कर रहे हैं.