Manipur Violence: मणिपुर के ट्राइबल फोरम का ट्विटर अकाउंट ब्लॉक, ITLF ने कहा- कुकी आवाज दबाने की एक और कोशिश
Manipur Violence: मणिपुर में खुद को जनजातीय समूहों की आवाज बताने वाला आईटीएलएफ हिंसा के बाद से ही राज्य की एन बीरेन सिंह की सरकार के खिलाफ मुखर रहा है.
Manipur Violence: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच राज्य में मजबूत असर रखने वाले जनजातीय संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) के ट्विटर हैंडल पर रोक लगा दी गई है. आईटीएलएफ मीडिया सेल के ट्विटर पेज पर एक संदेश लिखा आ रहा है जिसमें कहा गया है कि अकाउंट को कानूनी मांग के जवाब में भारत में रोक दिया गया है. वहीं, आईटीएलएफ ने इस कदम की आलोचना की और इसे अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) का उल्लंघन बताया है.
आईटीएलएफ ने अकाउंट ब्लॉक करने को सेंसरशिप का चौंकाने वाला काम बताते हुए कहा कि यह पहले से ही हाशिए पर पड़े कुकी आदिवासियों की आवाज को दबाने का एक और प्रयास है. ट्राइबल फोरम ने दावा किया ये ट्विटर अकाउंट जागरूकता बढ़ाने और सीमांत कुकी-ज़ो आदिवासी समुदायों के अधिकारों की वकालत करने का एक महत्वपूर्ण मंच रहा है.
आईटीएलएफ ने जारी किया बयान
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आईटीएलएफ ने एक बयान जारी कर कहा है कि "आईटीएलएफ मीडिया सेल के ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करना पहले से ही हाशिए पर पड़े कुकी-ज़ो आदिवासी आवाज़ को दबाने का एक और प्रयास है. ये मणिपुर के पहाड़ी जिलों में पहले ही 40 से ज्यादा दिनों के इंटरनेट शटडाउन पर एक अतिरिक्त कार्रवाई है, जो कुकी आदिवासियों की क्षमता को गंभीर रूप से सीमित करने और राज्य प्रायोजित मैतेई अलगाववादियों के हमले की ऑन-ग्राउंड दैनिक घटनाओं को रिपोर्ट करने में बाधा डालने के लिए की गई है."
मणिपुर में फिर बढ़ रही हिंसा
मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा में वृद्धि देखी जा रही है. इंफाल में रात में सुरक्षा बलों के साथ भीड़ की झड़प हो गई, जिसमें दो लोग घायल हो गए. समाचार एजेंसी ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि भीड़ ने बीजेपी नेताओं के घरों को आग लगाने का प्रयास किया था.
मणिपुर में बीती 3 मई को कुकी जनजातीय समूह ने मैतेई समुदाय को संभावित जनजातीय दर्जा दिए जाने के विरोध में एक बड़ी रैली आयोजित की थी. इस रैली के बाद पहाड़ी राज्य में हिंसा भड़क उठी थी. डेढ़ महीने से जारी हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 10 हजार से ज्यादा घरों को आग के हवाले कर दिया गया है और हजारों लोग राहत कैंप में रहने को मजबूर हैं.
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