Manipur Violence: मणिपुर में जिरीबाम जिले में सोमवार (11 नवंबर) को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए. पुलिस के मुताबिक दोपहर 3 बजे के करीब हथियारबंद उग्रवादियों ने जाकुरधोर स्थित सीआरपीएफ पोस्ट और पास के बोरोबेकरा थाने पर हमला किया. इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की जिसमें 45 मिनट तक मुठभेड़ हुई. इस दौरान सीआरपीएफ के कांस्टेबल संजीव कुमार को गोली लगी जिन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है. सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मारे गए उग्रवादियों से कई घातक हथियार बरामद किए हैं जिनमें राइफल, इंसास, आरपीजी और पंप एक्शन गन शामिल हैं.
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों के अनुसार पुलिस थाने के परिसर में बने राहत शिविर में रहने वाले 5 लोग लापता हैं जिनकी तलाश जारी है. ये स्थिति मणिपुर के जिरीबाम में हिंसा के बढ़ते मामलों को लेकर चिंताएं और बढ़ा रही है. स्थानीय समुदायों के बीच जारी संघर्ष और असुरक्षा की भावना इस क्षेत्र में लगातार बनी हुई है.
कुकी-जो काउंसिल ने किया बड़ा ऐलान
इस बीच कुकी-जो काउंसिल संगठन ने मारे गए लोगों को 'विलेज वालंटियर' यानी गांव की रक्षा करने वाले लोग बताया और उनके सम्मान में 12 नवंबर को सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक पूर्ण बंद का ऐलान किया. कुकी-जो काउंसिल ने कहा कि ये हत्या न केवल मृतकों के परिवारों के लिए बल्कि पूरे कुकी-जो समुदाय के लिए एक बड़ा आघात है. बंद के दौरान व्यापारिक गतिविधियां ठप रहेंगी और पूरे समुदाय ने इस दुख में एकजुटता दिखाने का संकल्प लिया है.
जिरीबाम 18 महीने से अशांति का शिकार
पिछले एक साल से मणिपुर का जिरीबाम जिला हिंसा का केंद्र बना हुआ है. राज्य में लगातार कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वे कुकी समुदाय को मिल रहे सरकारी लाभ और कोटे को मैतेई समुदाय तक बढ़ाने पर विचार करे. जिरीबाम-इंफाल हाईवे और रेलवे लाइन की अहमियत के कारण ये क्षेत्र वर्चस्व की लड़ाई का शिकार है क्योंकि यहां से ही इंफाल को सभी आवश्यक वस्तुएं पहुंचती हैं. इस विवाद का असर सीधे तौर पर वहां रहने वाले दोनों समुदायों पर पड़ा है जो इसे अपने प्रभाव में बनाए रखना चाहते हैं.
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