(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Manipur Violence: 'मणिपुर में ईसाई समुदाय में डर', केरल के कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, मलयाली लोगों को बचाने की अपील
Manipur Violence: मणिपुर में बुधवार को आदिवासी आंदोलन के बाद हिंसा भड़क उठी थी. अब तक राज्य में 52 लोगों की मौत हो चुकी है और भारी मात्रा में संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है.
Manipur Violence: मणिपुर में आंदोलन के बाद भड़की हिंसा को लेकर केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. सतीशन ने पत्र में चर्चों में तोड़फोड़ और ईसाई समुदाय के सदस्यों के उत्पीड़न पर चिंता जताई है. सतीशन ने प्रधानमंत्री से मणिपुर में मलयाली लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और केरल सुरक्षित वापसी में मदद का आग्रह किया है.
सतीशन ने पत्र में कहा, "मैं मणिपुर में ईसाई चर्चों पर हमले और ईसाई समुदाय के सदस्यों के उत्पीड़न की दुखद घटनाओं के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मणिपुर में फंसे मलयाली लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और उन्हें उनके गृह राज्य केरल में सुरक्षित वापसी में मदद करें."
हस्तक्षेप की मांग
सतीशन ने पत्र में आगे लिखा कि कभी कांग्रेस शासनकाल में शांत रहने वाला राज्य आज तीव्र सांप्रदायिक संघर्ष के केंद्र में बदल गया है. बहुत से लोग मारे गए हैं और बहुत उत्पीड़न के डर से दूसरे राज्यों में भाग गए हैं. चेकॉन, न्यू लेंबुलेन, सांगईप्रोऊ और खेलगांव जैसी जगहों पर चर्चों में तोड़फोड़ की गई, उनमें आग लगा दी गई.
उन्होंने लिखा कि मणिपुर में ईसाई आबादी के बीच सांप्रदायिक तनाव और असुरक्षा है. पता चला है कि हिंसा देश के दूसरे हिस्सों में फैल रही है और इसे रोकने के लिए संबंधित सरकारों को तत्काल हस्तक्षेप करना होगा.
शशि थरूर ने की राष्ट्रपति शासन की मांग
सतीशन के अलावा केरल के एक और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने केंद्र पर निशाना साधा है. थरूर ने हिंसा को लेकर मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. थरूर ने ट्वीट कर लिखा, "मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सभी सही सोच वाले भारतीयों को खुद से पूछना चाहिए कि उस बहुप्रचारित सुशासन का क्या हुआ जिसका हमसे वादा किया गया था. अपने राज्य में बीजेपी को सत्ता में लाने के एक साल बाद ही मणिपुर के वोटर बहुत छला हुआ महसूस कर रहे हैं. यह राष्ट्रपति शासन का समय है. राज्य सरकार उस काम में सक्षम नहीं है, जिसके लिए उसे चुना गया था."
अब तक 52 लोगों की मौत
मणिपुर में 3 मई को आदिवासी समुदाय की रैली के बाद हिंसा भड़क उठी थी. अब तक हिंसा के चलते 52 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार देर रात कहा कि चूड़ाचांदपुर जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार आया है. उन्होंने कहा कि सरकार और विभिन्न दलों के बीच बातचीत के बाद मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कर्फ्यू में आंशिक रूप से ढील दी जाएगी.
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