मणिपुर के लिए बड़ी राहत! कूकी समुदाय ने खत्म की आर्थिक नाकाबंदी, घाटी में सप्लाई हो सकेगा जरूरी सामान
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा के बाद से बिगड़े हालात अभी सामान्य नहीं हैं. कुकी-जो आबादी वाले इलाकों में लॉ एंड ऑर्डर की खराब स्थिति की वजह से जारी आर्थिक नाकाबंदी निलंबित कर दी गई है.
Manipur Violence: जातीय हिंसाग्रस्त मणिपुर में हालात अभी सुधरे नहीं है. राज्य की राजधानी इंफाल को जोड़ने वाले दो राष्ट्रीय राजमार्गों की आर्थिक नाकेबंदी की वजह से लोगों को जरूरी सामान की सप्लाई करने में बाधा आ रही है. माल से लदे वाहन बीच में फंस जा रहे हैं लेकिन अब कुकी समूह ने सोमवार (27 नवंबर) को आर्थिक नाकाबंदी के फैसले को निलंबित करने का ऐलान किया है.
इस बीच देखा जाए तो आर्थिक नाकेबंदी शुरू होने के कारण इंफाल जाने वाले मालवाहक वाहनों को घाटी नहीं पहुंचने दिया जा रहा था. नाकेबंदी के पीछे बड़ी वजह यह है कि घाटी क्षेत्र में मैतई लोगों तक आवश्यक चीजों की आपूर्ति नहीं हो सके. राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर सेना के ट्रकों को आगे बढ़ने से भी रोकने का प्रयास किया जा रहा है. दरअसल, राजधानी इंफाल मैतई बहुल है.
घाटी क्षेत्र को जोड़ते हैं दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग
एचटी रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में मैतई के बाद दूसरा प्रभावशाली समूह कुकी है जिसने घाटी क्षेत्र को जोड़ने वाले इन दो राष्ट्रीय राजमार्गों की 12 दिवसीय 'आर्थिक नाकाबंदी' को अब निलंबित कर दिया है. माना जा रहा है कि इससे घाटी में सप्लाई होने वाले सामान की आवाजाही हो सकेगी.
लॉ एंड ऑर्डर के खराब हालात पर सीओटीयू ने लगाई थी आर्थिक नाकाबंदी
मणिपुर का कांगपोकमी कुकी-जो बहुल जिला है जहां पर लॉ एंड ऑर्डर के हालात दुरुस्त करने में प्रशासन उदासीन रवैया अपनाए हुए थे. इससे खफा आदिवासी एकता समिति (COTU) ने 15 नवंबर को आर्थिक नाकाबंदी लगा दी थी.
राजधानी और राज्य के अन्य हिस्सों में माल की आपूर्ति ठप्प
रिपोर्टों के मुताबिक नाकाबंदी शुरू होने के साथ ही नागालैंड राज्य की सीमा से लगे दीमापुर और सिलचर (असम) को इंफाल से जोड़ने वाले इन रूटों पर आवाजाही प्रभावित होने से मणिपुर की राजधानी और राज्य के अन्य हिस्सों में माल की आपूर्ति ठप्प हो गई.
आदिवासियों की कठिनाइयों के मद्देनजर नाकेबंदी अस्थायी रूप से निलंबित
सीओटीयू ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र में साथी आदिवासियों की कठिनाइयों को समझते हुए आर्थिक नाकेबंदी को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया है. इस फैसले को लेने से पहले मुद्दे पर काफी विचार विमर्श भी किया गया. समिति ने कुकी-जो क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था के चुनिंदा कार्यान्वयन को लेकर ही आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान किया था.
जातीय हिंसा में अब तक 182 लोगों की मौत
गौरतलब है कि इंफाल घाटी में बहुसंख्यक मैतई और आदिवासी कुकी के बीच गत 3 मई से जारी हिंसा में अब तक 182 लोगों की मौत हो चुकी है करीब 50,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं.
यह भी पढ़ें: 'जब तक वापस नहीं आएंगे लूटे गए 4000 हथियार, जारी रहेगी मणिपुर हिंसा', लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने क्यों कही ये बात?