Manipur Violence Update: मणिपुर में तीन महीने से ज्यादा समय से जारी हिंसा के कारण एक पार्टी ने एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) सरकार का साथ छोड़ दिया है. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एनडीए (NDA) की सहयोगी कुकी पीपुल्स अलायंस (Kuki Peoples Alliance) ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. 


कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) के पास दो विधायक हैं. पार्टी ने रविवार (6 अगस्त) को राज्यपाल अनुसुइया उइके को लिखे एक पत्र में समर्थन वापस लेने की घोषणा की. केपीए प्रमुख टोंगमांग हाओकिप ने पत्र में कहा कि मौजूदा टकराव पर लंबा विचार करने के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर की मौजूदा सरकार के लिए समर्थन जारी रखने का अब कोई मतलब नहीं है. 


केपीए ने बीरेन सिंह सरकार से समर्थन लिया वापस


उन्होंने आगे कहा कि केपीए मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले रही है. मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में कुकी पीपुल्स एलायंस के दो विधायक( सैकुल से के.एच. हांगशिंग और सिंघट से चिनलुंगथांग) हैं. मणिपुर विधानसभा में कुकी-जोमी समुदाय के 10 विधायक हैं, जिनमें से सात बीजेपी के, दो कुकी पीपुल्स एलायंस और एक निर्दलीय विधायक शामिल है.


क्या बीजेपी सरकार को होगा कोई खतरा?


हालांकि केपीए के इस कदम से सरकार को कोई खतरा होने की संभावना नहीं है. बीजेपी के पास सबसे ज्यादा 37 सीटें हैं. इसके अलावा पार्टी को पांच एनपीएफ, सात एनपीपी विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. मणिपुर में विपक्ष में कांग्रेस के पास पांच और जेडीयू के पास एक सीट है. 


मणिपुर हिंसा में 160 से ज्यादा की मौत


मणिपुर में बीती तीन मई को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतई समुदाय की मांग के विरोध में आदिवासी एकजुटता मार्च के हिंसा भड़क गई थी. बीते तीन महीनों में राज्य में जातीय हिंसा में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 


(इनपुट पीटीआई से भी)


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