Manipur Police: हिंसा की खबरों के बीच मणिपुर पुलिस ने लूटे गए हथियारों और गोला-बारूद के संबंध में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह सूचना इस हद तक भ्रामक है कि पर्वतीय और घाटी दोनों क्षेत्रों के जिलों के विभिन्न पुलिस स्टेशनों और शस्त्रागारों से हथियार और गोला-बारूद लूटे गए.


पुलिस ने इस संबंध में शनिवार (5 अगस्त) को देर रात ट्वीट किया. इसमें कहा गया है कि 5 अगस्त की एक प्रेस विज्ञप्ति में केवल घाटी के जिलों में विभिन्न पुलिस स्टेशनों और शस्त्रागारों से हथियारों और गोला-बारूद की लूट पर प्रकाश डाला गया है.


कितने हथियार बरामद हुए? मणिपुर पुलिस ने बताया


ट्वीट में कहा गया कि सुरक्षाबल लूटे गए हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी के लिए पर्वतीय और घाटी क्षेत्रों में लगातार छापेमारी कर रहे हैं. नतीजतन घाटी के जिलों में 1,057 हथियार और 14,201 गोला-बारूद और पर्वतीय जिलों में 138 हथियार और 121 गोला-बारूद बरामद किए गए हैं.


इसमें जानकारी दी गई है कि 3 अगस्त की घटना में सुरक्षाबल 15 हथियार बरामद करने में सफल रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, 5 अगस्त को भी इंफाल-पश्चिम जिले के लिलोंग चाजिंग में तौपोकपी पुलिस चौकी पर पुलिस टीम से हथियार छीनने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस सतर्क थी और पीछा करके सभी चार हथियार बरामद कर पाई.


पुलिस ने कहा कि इस संबंध में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया और बदमाशों की ओर से इस्तेमाल की गई कार भी बरामद कर ली गई. अन्य आरोपियों की गिफ्तारी के लिए छापा मारा जा रहा है.


पुलिस ने 5 अगस्त की इस घटना की दी जानकारी


प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि 5 अगस्त की शाम न्यू कीथेल्मनबी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले गांव ए मुंगचमकोम में उग्रवादियों और 5/9 जीआर और 21 एसएफ की साझा टीम के बीच हुई गोलीबारी में non-SoO कैडर वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया गया और उसके कब्जे से एक एसएलआर, एक मैगजीन और 50 राउंड जब्त किए गए. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने कहा कि सुरक्षाबलों से हथियार लूटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.






5 अगस्त को भी भड़की हिंसा


एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार (6 अगस्त) को अधिकारियों ने बताया कि शनिवार (5 अगस्त) को मणिपुर के इंफाल वेस्ट जिले में फिर से हिंसा भड़की. इस दौरान 15 मकान जला दिए गए. लांगोल गेम्स गांव में आक्रोशित भीड़ सड़कों पर उतर आई, जिसे तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे और स्थिति को काबू में किया. हिंसा के दौरान 45 वर्षीय एक व्यक्ति को गोली मारी गई, जो उसकी जांघ में लगी. उसे ‘रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस’ (RIMS) में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. 


अधिकारियों के मुताबिक, रविवार को क्षेत्र में हालात में सुधार आया है. उन्होंने कहा कि इंफाल ईस्ट जिले के चेकॉन इलाके में भी हिंसा की सूचना मिली है, जहां शनिवार को एक बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान को आग के हवाले कर दिया गया. प्रतिष्ठान के पास के तीन मकानों में भी आग लगा दी गई. दलकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया. हिंसा की ये घटनाएं 27 विधानसभा क्षेत्रों की समन्वय समिति की ओर से की गई 24 घंटे की आम हड़ताल के बीच सामने आईं.


अब तक 160 से ज्यादा लोग गंवा चुके हैं जान


बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में मेइती समुदाय की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.


मणिपुर विधानसभा सत्र में कुकी विधायकों के भाग लेने की संभावना नहीं


इस बीच कुकी समुदाय के नेताओं ने जानकारी दी है कि हिंसा के मद्देनजर 21 अगस्त से शुरू होने वाले मणिपुर विधानसभा सत्र में विभिन्न दलों के ज्यादातर कुकी विधायकों के शामिल होने की संभावना नहीं है. कुकी समुदाय के लोगों के लिए अलग प्रशासनिक इकाई की मांग 'सर्वसम्मति' से खारिज करने के लिए जल्द विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग का नेतृत्व कर रहे शीर्ष मेइती संगठन ‘सीओसीओएमआई’ ने हालांकि यह दावा किया कि अगर आदिवासी विधायक सत्र में भाग लेना चाहते हैं तो वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.


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