Manipur Violence: मणिपुर में उपद्रवियों ने अब तक इन नेताओं के घरों को बनाया निशाना, जातीय हिंसा में कम नहीं हो रही आगजनी और तोड़फोड़
Manipur Violence: मणिपुर में पिछले करीब डेढ़ महीने से हिंसा जारी है. इसमें अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा जारी है. उपद्रवी आए दिन आम लोगों सहित राजनेताओं के घरों पर भी तोड़फोड़ और आगजनी कर रहे हैं. इस कारण कई लोग बेघर हो गए हैं और राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं.
इसी बीच अब तक भीड़ ने केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह, मणिपुर सरकार में मंत्री नेमचा किगपेन और गोविंदास कोंथोउजाम सहित कई नेताओं के घरों पर तोड़फोड़ कर उन्हें जला दिया. वहीं इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों को जान भी गंवानी पड़ी है.
आरके रंजन सिंह
दंगाई भीड़ ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के इंफाल स्थित आवास में तोड़फोड़ कर उसे जलाने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों और दमकल कर्मियों ने भीड़ की आग लगाने की कोशिश नाकाम कर दी.
इस पर आरके रंजन सिंह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि यह दो समुदायों के बीच गलतफहमी का मामला है. सरकार ने एक शांति समिति का गठन किया है, प्रक्रिया जारी है.
गोविंदास कोंथोउजाम
मणिपुर सरकार में पीडब्लयूडी मंत्री गोविंदास कोंथोउजाम के इंफाल वाले घर पर 24 मई को तोड़फोड़ की गई थी. इस दौरान कोंथोउजाम और उनके परिवार वाले यहां नहीं थे. अधिकारियों ने बताया था कि हमले करने वालों में 100 से ज्यादा लोग शामिल थे.
नेमचा किगपेन
मणिपुर की महिला मंत्री नेमचा किपजेन के घर पर भी भीड़ ने आग लगा दी थी. अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान किपजेन यहां मौजूद नहीं थी. हालांकि किसी भी समूह ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली.
वुंगजागिन वाल्टे पर हुआ हमला
बीजेपी विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर भीड़ ने हमला कर दिया था. इसके वाद वाल्टे को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया था. वाल्टे का इलाज अभी भी दिल्ली में चल रहा है.
मामला क्या है?
मणिपुर के 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं. बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद ये झड़पें शुरू हुई थीं.
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