Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा जारी है. इस बीच राज्य के तेंगनोउपल जिले के मोरेह में उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में एक और जवान शहीद हो गया. इससे पहले एक जवान की जान गंवाने की पुष्टि हुई थी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि शहीद होने वाले सुरक्षाकर्मी की पहचान तखेलंबम सैलेशवोर (Takhellambam Saileshwore) के रूप में हुई है. मणिपुर पुलिस ने बताया कि इससे पहले शहीद होने वाले मृतक की पहचान मोरेह में राज्य पुलिस कमांडो के रूप में तैनात वांगखेम सोमोरजीत के रूप में की गई.
सोमोरजीत इम्फाल वेस्ट जिले के मालोम के रहने वाले थे. दरअसल, मोरेह में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों के एक वाहन पर बुधवार को हमला कर दिया था. गोलीबारी (मुठभेड़) में इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के दो कर्मी घायल हो गए.
एक अधिकारी ने बताया कि इस घटना के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. इसमें मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
वांगखेम सोमोरजीत के परिवार ने क्या कहा?
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रवक्ता एल प्रेमचंज ने कहा कि वांगखेम सोमोरजीत के परिवार ने कहा कि वो उनका (सोमोरजीत) का शव जब तक नहीं लेंगे तब तक हमला करने वालों को पकड़ नहीं जाता. हमें न्याय नहीं मिलता.
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों की मोरेह शहर में तीन अलग-अलग स्थानों पर संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई. उग्रवादियों ने एसबीआई मोरेह के पास सुरक्षा बलों की एक चौकी पर बम फेंके और गोलीबारी की जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की. उग्रवादियों ने अस्थायी कमांडो चौकी पर आरपीजी गोले भी दागे, जिससे आसपास खड़े कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए.
पुलिस ने कहा कि एक पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में सीमावर्ती शहर में राज्य बलों के दो संदिग्धों को गिरफ्तार किए जाने के 48 घंटे बाद संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों की चौकी पर गोलीबारी की.
पुलिस ने उप संभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सी आनंद की पिछले साल अक्टूबर में की गई हत्या मामले के दो मुख्य संदिग्धों फिलिप खोंगसाई और हेमोखोलाल माते को गिरफ्तार किया था. दोनों ने सुरक्षाकर्मियों के वाहनों पर गोलीबारी की थी जिसके बाद पुलिस ने उनका पीछा किया और उन्हें पकड़ लिया.
पुलिस ने बताया कि बाद में दोनों को मोरेह के न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया जहां से उन्हें नौ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. कुकी इनपी तेंगनोउपल (केआईटी), चुराचांदपुर जिले के इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) और कांगपोकपी जिले के कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू) ने दोनों की गिरफ्तारी की निंदा की है.
कितने लोगों की जान जा चुकी है?
अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतई समुदाय की मांग के विरोध में पिछले साल तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद मणिपुर में भड़की हिंसा में 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.
इनपुट भाषा से भी.