RK Ranajn Singh House Vandalised: मणिपुर में गुरुवार (15 जून) देर रात केंद्रीय विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह के आवास पर भीड़ ने हमला कर दिया. भीड़ ने मंत्री के इंफाल के कोंगबा स्थित आवास पर तोड़फोड़ की और आगजनी को अंजाम दिया.
हमले के वक्त मंत्री अपने आवास पर मौजूद नहीं थे. उन्होंने इस घटना को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. राज्य मंत्री ने कहा है कि मौजूदा राज्य सरकार शांति व्यवस्था बनाने में विफल रही है.
मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के घर की हालत
मौजूदा सरकार शांति व्यवस्था बनाने में विफल रही- आरके रंजन सिंह
मंत्री आरके रंजन सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ''मैं कोच्ची में हूं और अपने राज्य (मणिपुर) में नहीं हूं. मैंने बड़ी मेहनत से अपना घर बनाया था. मेरे घर पर हमला होने पर मुझे दुख है और अपने राज्य के नागरिकों की ओर से ऐसे रवैये की अपेक्षा नहीं की थी.''
मंत्री ने आगे कहा, ''मुझे बताया गया कि घर में आग लगी थी लेकिन लोगों ने दमकल की गाड़ी वहां तक पहुंचने नहीं दी. ऐसा लगता है जैसे यह मेरे जीवन पर हमला है. यह दिखाता है कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था खत्म हो चुकी है और मौजूदा सरकार शांति व्यवस्था बनाने में विफल रही है. मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को बता दिया है.'' मणिपुर के हालात के मद्देनजर इंटरनेट सेवा 20 जून तक के लिए निलंबित कर दी गई है.
मणिपुर में कर्फ्यू के बावजूद इस हफ्ते हमलों और झड़प के मामले हफ्तेभर सामने आए हैं. इससे पहले गुरुवार को ही दोपहर में इंफाल में मणिपुर द्रुत कार्य बल और भीड़ के बीच झड़प हुई. भीड़ ने दो घरों को आग के हवाले कर दिया था.
मणिपुर में महीनेभर पहले शुरू हुई थी हिंसा
राज्य में करीब महीनेभर पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हुई जातीय हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों ने जानें गंवा दी थीं. बता दें कि राज्य में मेइती समुदाय लंबे समय से अनुसूचित जनजाति (ST) के दर्जे की मांग कर रहा है, जिसके विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' का आयोजन हुआ था. उस आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं. उसके बाद से राज्य में हिंसा थमने का नहीं ले रही है. केंद्र और राज्य सरकार राज्य में शांति बहाली के कई कदम उठा रही हैं. पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य का दौरा भी शांति बहाली के प्रयासों के तहत किया था.