Manipur violence: मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, उखरूल में भीषण गोलीबारी, मिले तीन युवकों के क्षत-विक्षत शव
मणिपुर तीन महीने से अधिक समय से जल रहा है वहां पर जारी नस्लीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. शुक्रवार (18 अगस्त 2023) को उखरूल जिले में हुई हिंसा में तीन युवकों की मौत हो गई.
Manipur violence: मणिपुर में बीते तीन महीने से अधिक समय से जारी नस्लीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. शुक्रवार (18 अगस्त 2023) को उखरूल जिले के थोवई गांव में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच देर रात जमकर गोलीबारी हुई. सुबह हुई तो पुलिस को तीन युवकों के क्षत-विक्षत शव मिले हैं. इन युवकों की उम्र 24 से 35 साल के बीच बताई जा रही है.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, ताजा हिंसा लिटान पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एक गांव में हुई, जहां सुबह-सुबह गोलियों की आवाज सुनाई दी. अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने आसपास के गांवों और जंगलों की गहन तलाशी ली और 24 वर्ष से 35 वर्ष की उम्र के तीन शवों को बरामद किया. तीनों शवों पर धारदार चाकू से हमले के निशान है और उनके हाथ-पैर कटे हुए हैं.
मणिपुर में हथियार, गोला-बारूद बरामद
मणिपुर में हिंसा की रोकथाम के लिए पुलिस और सुरक्षाबल लगातार हर संभव प्रयास करने में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में सुरक्षा बलों ने राज्य व्यापी अभियान चला रखा है. बीते दिनों सुरक्षा बलों के तलाशी अभियान के दौरान हिंसा प्रभावित मणिपुर के कई जिलों से आठ हथियार, 112 कारतूस और छह बम बरामद किए गए. पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि यह बरामदगी बुधवार को बिष्णुपुर, चुराचांदपुर, तेंगनौपाल, कांगपोकपी और इंफाल वेस्ट जिलों से की गई.
हिंसा में अब तक मारे गए 160 लोग
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं. राज्य में हुई हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मैतेई समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह राज्य के पर्वतीय जिलों में रहते हैं.