(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Manipur Violence: मणिपुर के नगा MLA आज अमित शाह से मिलेंगे, बैठक से पहले बोले- '...तो स्वीकार नहीं होगा समझौता'
Manipur Naga Delegation: मणिपुर का नगा प्रतिनिधिमंडल आज केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात करेगा. नगा समूहों ने कुकी समुदाय के साथ संभावित समझौते को लेकर चिंता जताई है.
Naga Delegation To Meet Shah: मणिपुर में सरकार की सख्ती के बाद भी हालात सामान्य नहीं हो रहे हैं. बीते सप्ताह ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर गए थे और उपद्रवियों को सख्त संदेश दिया था. बावजूद इसके, राज्य एक बार फिर से हिंसा की चपेट में है. इन सबके बीच मणिपुर से 10 नगा विधायकों का दल आज मंगलवार (6 जून) को दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात करने वाला है. प्रतिनिधिमंडल सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचा था.
नगा विधायकों के साथ आउटर मणिपुर से सांसद लोर्हो फोजे भी हैं. फोजे नगा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) से सांसद हैं, जो राज्य में सत्ताधारी बीजेपी की सहयोगी है. नगा विधायक दल में सबसे ज्यादा छह एनपीएफ के हैं. इनमें मणिपुर के परिवहन मंत्री खाशिम वाशुम, लीशियो कीशिंग, अवांगबो न्यूमाई, राम मुइवा और लोसी दिखो हैं. दो विधायक, एस एस ओलिश और डिंगांगलुंग गणमेई, सत्तारूढ़ बीजेपी के हैं, जबकि एन काइसी और जनहेमलुंग पनमेई, कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनलिस्ट पीपल्स पार्टी (एनपीपी) से हैं. एनपीपी भी बीजेपी की सहयोगी है.
नगा समुदाय भी हिंसा से चिंतिंत
इसके पहले सोमवार को नगा समुदाय के बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ता अमित शाह से मुलाकात की तैयारियों को लेकर इकठ्ठा हुए. यहां ये बात ध्यान रखने की है कि मणिपुर में हो रही हिंसा में नगा समुदाय की कोई भूमिका नहीं है. राज्य में प्रभुत्व रखने वाले मैतेई समुदाय और कुकी आदिवासी समूहों के बीच तनाव के बाद कई इलाकों में हिंसा फैल गई थी. मैतेई समुदाय को संभावित आदिवासी दर्जा देने को लेकर कुकी समूह नाराज है.
हाल ही में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर के दौरे पर थे तो नगा प्रतिनिधियों ने उनसे मिलने की इच्छा जताई थी, लेकिन मुलाकात हो नहीं सकी थी. दिल्ली आए नगा प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "उस समय उनके (अमित शाह) के पास समय नहीं था. लेकिन उन्होंने 6 जून को हमसे मुलाकात करने को कहा था. इसलिए हम यहां हैं."
समझौते में नगा हितों को शामिल करने की मांग
उन्होंने आगे कहा, हमारा मानना है कि भारत सरकार मसले का जो हल निकाले, वह अकेले एक समुदाय के लिए नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए होना चाहिए. केवल एक समुदाय के लिए समाधान का कोई महत्व नहीं है. इससे कुछ हल नहीं होगा. केंद्र को संतुलन बनाना चाहिए.
डेलीगेशन के एक दूसरे सदस्य ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हम बैठक में ताजा हिंसा को लेकर अपनी चिंता उठाएंगे. वर्तमान में, यह नगा समुदाय को प्रभावित नहीं करता है, लेकिन हमें यह जानने की जरूरत है कि ऐसी स्थिति से कैसे निपटा जाए. फिलहाल, हम कुकी समुदाय के साथ एक संभावित समझौते को लेकर चिंतित हैं, जिसका संकेत गृह मंत्री ने दिया है. समझौता नगा जनजातियों को भी सीधे प्रभावित करता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिकांश भूमि जिस पर कुकियों का प्रभुत्व है, उसके ऐतिहासिक रूप से नगाओं के होने का दावा है. इस पहलू को ध्यान में रखे बिना अगर समझौता होता है, तो उसे स्वीकार करना मुश्किल होगा.
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