Manipur Violence: जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सरकार के सामने एक और बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. उनकी सरकार में शामिल कुकी समुदाय के 10 मंत्रियों और विधायकों ने बगावत कर दी है. बागी विधायकों ने खुले तौर पर उनके नेतृत्व की निंदा की और पार्टी लाइन से अलग हटकर पृथक राज्य की मांग‌ की है. 


इससे पहले गुरुवार (2 नवंबर) को, कांगपोकपी जिले के दो कुकी संगठनों ने केंद्र के शांति वार्ता के वार्ताकार बनाकर भेजे‌ गए एके मिश्रा और गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की थी. ये संगठन हैं यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ). दोनों ने राज्य के कुकी बहुल जिले में अलग प्रशासन की मांग की है.


क्या कहना है बागी विधायकों का?


इसके बाद शुक्रवार (3 नवंबर) को 10 कुकी विधायकों की ओर से हस्ताक्षरित बयान सामने आया है. इनमें से सात बीजेपी से हैं जिनमें दो मंत्री हैं, कुकी पीपुल्स अलायंस के दो और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं. इन्होंने स्पष्ट रूप से केंद्र से भारतीय संविधान के तहत एक अलग राज्य देने की मांग की है. बागी विधायकों ने एक बयान में कहा, "चूंकि मणिपुर राज्य हमारी (कुकी) रक्षा करने में बुरी तरह विफल रहा है, हम भारत संघ से भारत के संविधान के तहत एक अलग राज्य की मांग करते हैं. हम पड़ोसी राज्य मणिपुर के साथ शांति से रहना चाहते हैं."


बागी विधायकों में बीजेपी के सात, दो मंत्री भी


बीजेपी के बागी मंत्रियों में कांगपोकपी के नेमचा किपगेन और तेंगनौपाल निर्वाचन क्षेत्र के लेटपाओ हाओकिप हैं. अन्य भाजपा विधायक हैं नगुरसंगलूर सनाटे (तिपाईमुख), एलएम खाउते (चुरचांदपुर), लेटजामंग हाओकिप (हेंगलेप), पाओलिएनलाल हाओकिप (सैकोट) और वुंगजागिन वाल्टे (थानलोन). चिनलुनथांग (सिंघत) और किम्नेओ हाओकिप कुकी पीपुल्स अलायंस (केपीए) के विधायक हैं. जबकि हाओखोलेट किपगेन (सैतू) निर्दलीय विधायक हैं. 


बीजेपी के कुकी विधायक पर हुआ था हमला


शुक्रवार को जारी बयान बीजेपी विधायक वुंगजागिन वाल्टे की ओर से था, जिन पर 4 मई की दोपहर को इंफाल में भीड़ ने हमला कर दिया था और उसके बाद से अस्पताल में भर्ती हैं जहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. एन बीरेन सिंह की अध्यक्षता वाली 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में बीजेपी के 37 विधायक हैं, जिनमें से 27 मैतेई समुदाय से हैं. बीजेपी के सहयोगी दल एनपीपी के पास सात, एनपीएफ के पास पांच और केपीए के पास दो सीटें हैं. विधानसभा में पांच विपक्षी सदस्यों में सभी कांग्रेस पार्टी से हैं.


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