Manipur Violence: मणिपुर में बीती 3 मई को जातीय हिंसी की आग भड़की, जो अभी तक सुलग रही है. 83 दिनों से जारी हिंसा में 160 लोग मारे जा चुके हैं. कई महिलाओं को अगवा कर उनके साथ गैंगरेप किया गया और फिर उनका कत्ल कर दिया गया. ऐसी ही एक महिला की मां ने अपनी बेटी के साथ हुई दरिंदगी की घटना की खौफनाक कहानी बताई है. उनकी बेटी उन दो महिलाओं में शामिल थी, जिनके साथ हिंसा शुरू होने के दो दिन बाद 5 मई को गैंगरेप किया गया था और बाद में हत्या कर दी गई.


एनडीटीवी से बातचीत में आदिवासी महिला की मां ने बताया कि फोन पर उनसे पूछा गया तुम अपनी बेटी को जिंदा देखना चाहती हो या मरा हुआ? फोन पर बात करने वाली भी महिला ही थी. बाद में उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी मर चुकी थी.


आज तक नहीं मिला बेटी का शव


परिवार को आज भी बेटी के शव का इंतजार है. महिला ने कहा, 'मैं आज भी विश्वास नहीं कर पा रही हूं कि मेरी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है. कभी-कभी उम्मीद होती है कि मेरी बेटी लौट आएगी, क्योंकि मैंने उसे अपनी आंखों से नहीं देखा है. मैं आज भी भरोसा नहीं कर पा रही कि मेरी बेटी के साथ क्या हुआ है.'


एक कमरे में कैद कर रखी गई थी बेटी


एनडीटीवी ने एक चश्मदीद के हवाले से लिखा कि दोनों को सात पुरुषों ने एक रूम में बंद कर रखा था. वो छोड़ देने के लिए चिल्लाती रहीं लेकिन किसी को उन पर रहम नहीं आया. घटना को देखने वाले एक शख्स ने बताया कि महिलाओं की भीड़ ने पुरुषों को दोनों पर हमला करने के लिए उकसाया था.


महिला की मां ने बताया, हिंसा की वजह से मैं परेशान थी, इसलिए मैंने उसे कॉल किया. एक महिला ने फोन उठाया और पूछा कि मैं अपनी बेटी को मुर्दा देखना चाहती हूं या जिंदा. इसके बाद उसने फोन काट दिया.' इसके बाद मां ने अपने दूसरे बच्चों को फोन किया और उन्हें इस बारे में बताया. इस वाकये के कुछ दिन बात उन्हें फोन आया और बताया गया कि उनकी बेटी इस दुनिया में नहीं है.


यह भी पढ़ें


मणिपुर पुलिस को सबूतों के साथ मिला वो फोन, जिससे रिकॉर्ड हुआ महिलाओं से बर्बरता का वीडियो