Manipur Violence: 'माना कि बिहार, बंगाल, राजस्थान में महिलाओं के साथ...', हिंसा पर पी चिदंबरम बोले- मगर मणिपुर की तुलना कैसे?
Manipur Unrest: मणिपुर बीते 82 दिनों से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है. राज्य में 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों बेघर होकर शरण लेने को मजबूर हैं.
Manipur Violence: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने मणिपुर में जारी जातीय हिंसा को लेकर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता ने मणिपुर की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जातीय सफाया (Ethnic Cleansing) पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा, मणिपुर सरकार नाकाम हो गई है. उन्होंने बीजेपी के दूसरे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के आरोपों पर भी जवाब दिया और कहा कि इसकी तुलना मणिपुर से कैसे की जा सकती है.
चिदंबरम ने ट्वीट कर लिखा, "चलिए मान लेते हैं कि बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुईं. ये मणिपुर में लगातार जारी क्रूर हिंसा को कैसे माफ करता है? कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या घाटी में कोई कुकी बचा है? क्या चुराचांदपुर और मणिपुर के अन्य पहाड़ी जिलों में कोई मेइती बचा है? यदि रिपोर्ट सच है, मणिपुर में जातीय सफाया लगभग पूरा हो चुकी है."
मणिपुर में सरकार का पतन- चिदंबरम
चिंदबरम ने आगे कहा, "वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन पर, मणिपुर में संवैधानिक सरकार का पतन हो गया है. मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों की हुकूमत उनके घरों और दफ्तरों से आगे नहीं चलती. मणिपुर की स्थिति की तुलना बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान की स्थिति से कैसे की जा सकती है? केंद्र सरकार न केवल अक्षम और पक्षपातपूर्ण रही है, बल्कि जब वह घृणित तुलनाओं के पर्दे के पीछे छिपती है तो वह संवेदनहीन और क्रूर भी होती है."
'कोमा में भारत सरकार'
कांग्रेस नेता ने कहा, यदि बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है, तो निश्चित रूप से राज्य सरकारों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दें, लेकिन इससे मणिपुर में हो रही बर्बरता को माफ नहीं किया जा सकता. मणिपुर की सरकार नाकाम हो गई है, भारत सरकार स्वप्रेरित कोमा में है.
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