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हत्या से हिंसा तक: मणिपुर बवाल की खौफनाक तस्वीर बयां कर रही हैं 11 FIR
Manipur Violence: मणिपुर जातीय हिंसा की सबसे ज्यादा शिकार वहां की महिलाएं बन रही हैं. सुप्रीम कोर्ट में सबमिट की गई 11 एफआईआर वहां पर महिलाओं के साथ जघन्य अपराधों की कहानी बयान कर रही है.
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Manipur Ethnic Violence: पूर्वोत्तर में भारत का प्रवेश द्वार मणिपुर बीते तीन महीनों से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है. इस हिंसा से राज्य में हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं, लेकिन हर बार की तरह यह हिंसा भी महिलाओं की देह से होकर गुजरी है. इस जातीय संघर्ष में महिलाओं के साथ हुए जघन्य अपराध की कहानी राज्य में दर्ज हुई एफआईआर खुद ही बयान कर रही हैं.
मणिपुर में 11 ऐसी FIR दर्ज की गई हैं जोकि मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा, हत्या, रेप और गैंगरेप जैसे अपराधों के बारे में प्रकाश डालती हैं. जातीय हिंसा के दौरान इन 11 प्राथमिकियों में से 5 महिलाओं के साथ हुए गैंगरेप, चार महिलाओं की हत्या और 10 महिलाओं के साथ उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने के इरादे से किए ग
अपराध से भी ज्यादा भयावह क्या है?
मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हुए इन अपराधों में सबसे ज्यादा भयावह इन अपराधों का होना नहीं है. इससे भी ज्यादा भयावह जातीय संघर्ष से जूझ रहे इन इलाकों में ऐसी विभत्स घटनाओं को रिपोर्ट किए जाने में देरी करना है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह पता चला कि मई को हुए अपराध की रिपोर्ट पुलिस ने पीड़िता के थाने में कई चक्कर लगाने के बाद 18 मई को दर्ज की.
कांगपोकपी पुलिस स्टेशन में एक 18 वर्षीय पीड़िता ने बताया कि कैस उसका चार पुरुषों ने 15 मई को उसका अपहरण किया और बाद में दूसरे चार व्यक्ति उसको पहाड़ियों पर जबरन लेकर गये. यहां पर उसका रेप किया गया.
रेप के बाद हत्या की कोशिश
महिला ने बताया कि उसका रेप करने के बाद आरोपी आपस में यह चर्चा कर रहे थे कि उसकी हत्या कैसे करनी है. ठीक उसी दौरान एक आरोपी ने उस पर कार चढ़ा कर हत्या करने के इरादे से पीड़िता को टक्कर मारी और वह पहाड़ियों से नीचे सड़क पर गिर पड़ी. जहां पर सब्जी लेकर जा रहे एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने उसकी जान बचाई.
पुलिस स्टेशन ले जाए जाने के बाद महिला ने कहा कि उसको उसके घर लेकर जाया जाए. अगले दिन उस महिला ने मणिपुर छोड़ दिया और वह नागालैंड के लिए रवाना हो गई. उसको कोहिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया.
मणिपुर सरकार ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी?
सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर सरकार ने इस घटना पर अदालत को बताया कि उन्होंने 21 जुलाई को इस मामले पर जीरो एफआईआर दर्ज की थी. उन्होंने कहा इस घटना के अगले दिन ही इंफाल पूर्व में संबंधित पुलिस थाने को इस मामले की आधिकारिक जानकारी दे दी गई थी.
हालांकि इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि वह इस मामले में जहां घटना हुई है वहां पर इसकी प्रामणिकता को जांचने और उसके बाद एफआईआर दर्ज करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
ऊपर दी गई जानकारी सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई एक एफआईआर की बानगी भर है. बाकी की 10 एफआईआर में दी गई शिकायतें भी इतनी ही भयावह हैं, लेकिन उसके बारे में कोई भी बात नहीं करता है.
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