Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा जारी है. इस बीच मंगलवार (4 जुलाई) को भीड़ ने राज्य के थौबल जिले (Thoubal district) में भारतीय रिजर्व बटालियन (IRB) के कैंप से हथियार लूटने की कोशिश की. इस दौरान भीड़ से सुरक्षाबलों की झड़प हो गई और एक 27 साल के शख्स की जान चली गई. 


इसके अलावा असम राइफल्स के जवान को गोली मार दी गई. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भीड़ ने खंगाबोक इलाके में स्थित तीसरी आईआरबी बटालियन के कैंप पर हमला करके हथियार लूटने की कोशिश की. इसके तुरंत बाद सुरक्षाबलों और हिंसा कर लोगों के बीच में झड़प शुरू हो गई. 


कैसे शुरू हुआ मामला?
सूत्रों ने बताया कि झड़प के दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस और रबर बुलेट का इस्तेमाल किया, लेकिन हिंसा कर लोगों ने गोलीबारी चलाना शुरू कर दिया. इसके जवाब में सुरक्षाबलों की ओर से भी गोली चलाई गई.


इस दौरान भीड़ ने कैंप जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए ताकि सेना यहां नहीं पहुंच सके. रास्ते में मौजूद असम राइफल्स की टीम पर अटैक किया गया. राइफल्स के एक जवान के पैर पर गोली मार दी गई और गाड़ी में आग लगा दी गई. 


वहीं इस पूरी झड़प में रोनाल्डो नाम के शख्स की गोली लगने से मौत हो गई. उसे पहले थौबल जिले अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन यहां से उन्हें इंफाल ले जाने को कहा गया पर रास्ते में रोनाल्डो की जान चली गई. झड़प में कुल दस लोग घायल हुए हैं. 


मणिपुर में कितने लोगों की जान चुकी है?
पीटीआई के मुताबिक, मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच झड़पों में 120 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. पहली बार राज्य में हिंसा तीन मई को तब भड़की जब मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च आयोजित किया गया था. 


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