Manipur violence: मणिपुर के जिरीबाम हत्याकांड के शेष तीन पीड़ितों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोटों और कई गोलियों के घाव के निशान का पता चला है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. जिरीबाम हत्याकांड में दो महिलाओं और एक बच्चे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पहले ही जारी की जा चुकी है. 


गौरतलब है कि 17 नवंबर को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ के बाद संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने मणिपुर के जिरीबाम जिले के बोरोबेकरा इलाके से तीन महिलाओं और तीन बच्चों का अपहरण कर लिया था. इसके कुछ दिनों के बाद उनके शव जिरीबाम जिले में जिरी नदी और असम के कछार में निकटवर्ती बराक नदी में पाए गए थे. 


जानें ऑटोप्सी रिपोर्ट में क्या आया सामने 


जिरीबाम हत्याकांड के शेष तीन पीड़ितों का पोस्टमार्टम सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुआ था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि 10 महीने के बच्चे के सिर और गर्दन पर गंभीर चोटें लगी थी. इसके अलावा शरीर पर कटे हुए घाव और डिस्लोकेशन भी था. वहीं, 8 साल की बच्ची के शरीर पर गोली के कारण कई लहूलुहान घाव और गंभीर चोटें थीं. रिपोर्ट में 31 साल की महिला, टेलेम थोइबी के सिर पर क्रश इंजरी, खोपड़ी की हड्डियों का टूटना और दिमाग की झिल्लियों का गायब होना बताया गया है. 


अन्य मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी दर्दनाक यातानाओं का जिक्र 


अन्य मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी गंभीर चोटों और जलने के निशान का खुलासा हुआ है.  71 साल के मैबम केशो की ऑटोप्सी रिपोर्ट में  दाहिने हाथ और त्वचा में जलने के गंभीर निशान मिलने की बात कही गई है. वहीं,  पीठ और निचले हिस्से में गहरे हरे रंग के घाव और चोटों के निशान पाए गए हैं. 


लापता व्यक्ति को खोजने के लिए दिया तीन दिन का समय 


वहीं, मणिपुर में एक व्यक्ति के लापता होने के बाद गठित संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने बुधवार को इंफाल पश्चिम जिले में धरना दिया और तीन दिनों के भीतर लापता व्यक्ति की तलाश करने की मांग की. पुलिस ने यह जानकारी दी. कांटो सबल में आयोजित प्रदर्शन में मुख्य रूप से इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई निर्वाचन क्षेत्र के प्रदर्शनकारियों ने भाग लिया और सोमवार से लापता लैशराम कमलबाबू की सुरक्षित रिहाई की मांग करते हुए नारे लगाए. 


जेएसी के संयोजक रतन कुमार सिंह ने संवाददाताओं से कहा, 'हम मांग करते हैं कि बुधवार से तीन दिनों के भीतर कमलबाबू को हमें सौंप दिया जाए अन्यथा तीव्र आंदोलन शुरू किया जाएगा.' कमलबाबू सोमवार को लेइमाखोंग सैन्य शिविर जाते समय लापता हो गए थे. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा था कि कमलबाबू सेना के अधिकारियों के लिए फर्नीचर बनाने का काम करते थे. परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि कमलबाबू को कुकी उग्रवादियों ने अगवा किया होगा.