Manipur Violence: मणिपुर हिंसा: भारी प्रदर्शनों के बीच इंफाल में कर्फ्यू, भीड़ ने पुलिस की गाड़ी में लगाई आग, AFSPA बढ़ाया गया
Manipur Violence: मणिपुर पुलिस ने बुधवार (27 सितंबर) की शाम को बताया कि भीड़ ने एक नेता के घर पर हमले की कोशिश की. इस दौरान लोगों ने पुलिस की गाड़ी में भी आग लगा दी.
Protest in Manipur: मणिपुर में पांच महीने पहले शुरू हुई हिंसा का असर अब भी दिख रहा है. इंटरनेट और स्कूल बंद कर दिया गया है. तनाव को देखते हुए इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट में कर्फ्यू लगाया गया है. राज्य में ताजा हिंसा उस समय शुरू हुई जब जुलाई से लापता दो युवकों के शवों की तस्वीरें सोमवार (25 सितंबर) को सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी. इसके बाद यहां प्रदर्शन शुरू हो गए.
विरोध के शोले सबसे पहले इंफाल में धधके. सिंग्जेई की सड़कों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई. गाड़ियों में आग लगा दी गई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. विरोध प्रदर्शन बुधवार (27 सितंबर) को भी जारी रहा. इस दौरान कई प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबलों के जवान घायल हो गए.
प्रदर्शनकारियों के घायल होने को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, ‘‘अगर सुरक्षा बलों ने गोलियां या कुछ भी घातक हथियार इस्तेमाल किए हैं, तो सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. गंभीर चोटों के मामले में, जांच की जाएगी और उन्हें न्याय दिलाया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि उन्हें सूचना मिली कि लोहे से बनी वस्तुएं बदमाशों ने सुरक्षाबलों पर फेंकी जिससे कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
मणिपुर पुलिस का बयान
मणिपुर पुलिस ने रात के करीब साढ़े 9 बजे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, ''भीड़ ने एक नेता के घर पर हमला करने की कोशिश की. इसे नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ को खदेड़ दिया. बेकाबू भीड़ ने पुलिस की एक जिप्सी को निशाना बनाकर उसे जला दिया.''
पुलिस ने कहा, ''एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट भी की और उसका हथियार छीन लिया. मणिपुर पुलिस इस तरह की कार्रवाई की निंदा करती है और ऐसे उपद्रवियों से निपटने के लिए सख्त कदम उठाएगी. हथियारों की बरामदगी और बदमाशों की धरपकड़ के लिए कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है.''
An unruly crowd tried to attack the house of a political leader, the joint security forces repelled the crowd by firing tear gas shells. The unruly crowd targeted a police gypsy and burnt it, while assaulting a policeman and snatched his weapon. Manipur Police condemns such…
— Manipur Police (@manipur_police) September 27, 2023
अमित शाह ने सीएम बीरेन सिंह से फोन पर की बात
इस बीच मणिपुर की एन बीरेन सिंह सरकार ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और मामले को सीबीआई को सौंप दिया. मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बुधवार (27 सितंबर) को कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के विशेष निदेशक अजय भटनागर के नेतृत्व में एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम पहुंच गई है. इस टीम ने लापता हुए दो युवकों की हत्या मामले की जांच शुरू कर दी है.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें आश्वासन दिया कि दोनों युवकों का अपहरण और हत्या करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा और सजा दी जाएगी. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से फोन पर बात भी की.
अफस्पा कानून बढ़ाया गया
हालात बिगड़ता देख मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में AFSPA लागू रखने का फैसला किया गया है. जबकि 19 थाना क्षेत्रों को AFSPA से अलग रखा गया है. इनमें इंफाल, लेंफेल, सिटी, सिंग्जमेई, सेकमई, लामसांग, पत्सोई, वांगोई, पोरोमपट, हेंगेंग, लामलाई, इरिलबुंग, लेमखोंग, थोबुल, बिष्णुपुर, नांबोल, मोइरोंग, काकचिंग और जिरिबम शामिल हैं.
एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि, ''मणिपुर की मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति का विश्लेषण करने के बाद राज्य सरकार की राय है कि जमीनी स्तर पर विस्तृत मूल्यांकन करना वांछनीय नहीं है क्योंकि सुरक्षा एजेंसियां कानून-व्यवस्था बनाए रखने में व्यस्त हैं.''
अधिसूचना में कहा गया, ‘‘इसलिए, अफस्पा की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मणिपुर के राज्यपाल ने 19 थाना क्षेत्रों में आने वाले इलाकों को छोड़कर, पूरे मणिपुर राज्य को एक अक्टूबर से छह महीने की अवधि के लिये ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया है.’’
स्कूल और इंटरनेट बंद
मणिपुर में इंटरनेट पर एक अक्टूबर को रात सात बजकर 45 मिनट तक प्रतिबंध लगाया गया है. राज्य में 3 मई को भड़की हिंसा के बाद इंटरनेट पर पाबंदी लगायी गयी थी और चार महीने से अधिक समय बाद हाल ही में इसे हटाया गया था. राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए सभी स्कूलों में 27 और 29 सितंबर को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है. 28 सितंबर को ईद-ए-मिलाद के अवसर पर राज्य में सार्वजनिक छुट्टी है.
कांग्रेस का निशाना
ताजा हिंसा को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राज्य के अक्षम मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को बर्खास्त किया जाना चाहिए. उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘147 दिनों से मणिपुर के लोग परेशान हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के पास राज्य का दौरा करने का समय नहीं है. इस हिंसा में छात्रों को निशाना बनाए जाने की भयावह तस्वीरों ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. अब यह स्पष्ट है कि इस संघर्ष में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा को हथियार बनाया गया.''
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प इंफाल के सिंग्जमेई इलाके में हुई. पीएम ने मणिपुर को पीठ दिखा दिया है इसकी हम निंदा करते हैं. बीते पांच महीने से जारी हिंसा के बावजूद पीएम मोदी मणिपुर नहीं गए. शायद उनके लिए मणिपुर है ही नहीं. गृहमंत्री ने कहा था कि वो बार बार मणिपुर जाएंगे लेकिन वो ऐसा नहीं कर रहे. पीएम मोदी ने क्या मणिपुर के सीएम से बात की?
एस जयशंकर ने क्या कहा?
मणिपुर हिंसा को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि मणिपुर में पर्याप्त कानून-व्यवस्था लागू है और राज्य और केंद्र सरकार ऐसा रास्ता खोजने का प्रयास कर रही हैं जिससे कि हालात पटरी पर लौटें. मंगलवार को न्यूयॉर्क में विदेश संबंध परिषद में मणिपुर की स्थिति पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मणिपुर समस्या का असर यहां आए प्रवासियों पर भी पड़ रहा है जो इससे अस्थिर हैं.’’
मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई हिंसा में 175 लोगों की जान जा चुकी है. 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर बार छोड़ चुके हैं.
(इनपुट भाषा से भी)
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