Manipur Curfew: मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया. आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के बाद हालात गंभीर हो गए. इस मामले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चिंता जाहिर की है.


उन्होंने ट्विटर पर चिंता व्यक्त करते हुए लिखा, “मणिपुर में तेजी से बिगड़ती कानून और व्यवस्था को लेकर काफी चिंतित हूं. प्रधानमंत्री को शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने पर ध्यान देना चाहिए. मैं मणिपुर के लोगों से शांत रहने का आग्रह करता हूं.” वहीं, राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स को तैनात किया गया है.


हजारों लोगों को हिंसा प्रभावित इलाकों से निकाला गया


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए सेना के प्रवक्ता ने गुरुवार (04 अप्रैल) को बताया है कि अब तक साढ़े सात हजार से ज्यादा लोगों को हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. साथ ही कई और लोगों को भी सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का काम जारी है. उन्होंने ये भी बताया कि बीती रात को सेना और असम राइफल्स का बुलाया गया था, जिसके बाद राज्य पुलिस के साथ मिलकर हिंसा पर काबू पा लिया गया है.






क्या है मामला?


दरअसल, राज्य में 53 फीसदी हिस्सा रखने वाले गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग कर रहा है. इसको लेकर बुधवार (03 अप्रैल) को चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में एक विरोध प्रदर्शन हुआ जिसने हिंसक रूप ले लिया. पुलिस के मुताबिक, चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में मार्च के दौरान हथियार लिए हुए लोगों की एक भीड़ ने कथित तौर पर मैतेई समुदाय के लोगों पर हमला किया, जिसकी जवाबी कार्रवाई में मैतेई समुदाय के लोगों ने भी हमले किए. इस वजह से पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई.


क्या कहना है मुख्यमंत्री का?


इस मामले पर मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा, “संपत्ति के नुकसान के अलावा कीमती जानें चली गई हैं, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.” हालांकि, मौतों का विवरण तत्काल उपलब्ध नहीं है. सिंह ने कहा कि हिंसा समाज में “गलतफहमी” का नतीजा है.


उन्होंने कहा, “राज्य सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए सभी कदम उठा रही है और लोगों के जानमाल की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की मांग की गई है.” उन्होंने आगे कहा, “केंद्रीय और राज्य बलों को हिंसा में शामिल व्यक्तियों और समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.”


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