Manipur Violence: हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. बीते दो दिनों में राज्य में हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई है. अधिकारियों ने बताया कि इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, चुराचांदपुर और जिरिबाम सहित 11 प्रभावित जिलों में बुधवार (10 मई) को सुबह पांच बजे से छह घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई. वहीं, मंगलवार (9 मई) को इन जिलों में कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी गई थी.
मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हुई जातीय हिंसा में कम से कम 60 लोग मारे गए हैं. करीब 231 लोग घायल हुए हैं और हजारों अन्य विस्थापित हो गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, चुराचांदपुर से 2,500 प्रभावित लोगों और सीमावर्ती शहर मोरेह में फंसे 500 लोगों को मंगलवार को इंफाल लाया गया.
मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग मुहैया कराई जा रही
सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सपम रंजन सिंह ने कहा कि कम से कम 60 लोग मारे गए हैं. वहीं, 30,000 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं, जिनमें से 26,000 को उनके जिलों के बाहर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. जबकि 4,000 लोग अपने घरों के करीब ही राहत शिविरों में हैं.
26 हजार लोगों स्थानांतरित
मंत्री सपम रंजन सिंह ने कहा था कि 26 हजार अन्य लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित कर दिया गया है और इनमें से कई ने अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ले ली है. सेना और असम राइफल्स की कुल 128 टुकड़ियों ने प्रभावित क्षेत्रों में फ्लैग मार्च जारी रखा और चौबीसों घंटे हवाई निगरानी की जा रही है.
अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को 10 पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद पूर्वोत्तर राज्य में हिंसक झड़पें हो गई थीं.
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