Manipur Conflicts Latest News: मणिपुर के इंफाल ईस्ट जिले में एक उग्रवादी ठिकाने से 13 दिसंबर 2024 को स्टारलिंक एंटीना और राउटर की बरामदगी मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है. असम राइफल्स की कार्रवाई में बरामद ये एकमात्र प्रतिबंधित वस्तु नहीं थी, जिसे म्यांमार से तस्करी करके लाया गया था.


उस दिन की कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने म्यांमार में निर्मित और म्यांमार सेना की ओर से आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली एक एमए 4 असॉल्ट राइफल भी बरामद की थी. मौके पर तैनात अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के सामान की बरामदगी से वे हैरान नहीं हैं... क्योंकि पिछले 5 से 6 महीनों में, वे मणिपुर में उग्रवादियों और उनके ठिकानों से म्यांमार में निर्मित विभिन्न प्रकार के हथियार और अन्य उपकरण बरामद कर रहे हैं.


लगातार बरामद हो रहीं म्यांमार में बनीं पिस्तौलें 


जानकारी के मुताबिक, 13 दिसंबर को सुरक्षा बलों ने सीमा पार से तस्करी करके लाए गए म्यांमार में निर्मित बुलेटप्रूफ जैकेट और सैन्य वर्दी भी बरामद की थी. पिछले हफ़्ते ही सुरक्षा बलों ने कम से कम सात पिस्तौलें बरामद कीं, जिन पर “मेड इन बर्मा” लिखा था. इनमें 5 म्यांमार निर्मित आर्मी MA4 राइफलें थीं और एक AK-47 था.


अधिकारी बोले- यहां बाहर से आने वाले हथियारों की कमी नहीं


केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि यहां सुरक्षा बलों की ओर से बरामद की गई देसी पिस्तौलें भारत में निर्मित नहीं हैं. एक आम नागरिक शायद उन्हें पहचान न पाए, लेकिन चूकि हम म्यांमार निर्मित पिस्तौलें बरामद करने के आदी हैं, इसलिए हम उनमें अंतर कर सकते हैं. म्यांमार में बनी देसी पिस्तौलों की ग्रिप का आकार अलग होता है. कुछ पिस्तौलों पर ‘मेड इन बर्मा’ लिखा होता है. यहां हथियारों की कोई कमी नहीं है.”


खुली हुई सीमा के जरिए म्यांमार से हो रही तस्करी


म्यांमार भारत के साथ लगभग 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जबकि सरकार ने पूरे क्षेत्र में बाड़ लगाने की घोषणा की है, मणिपुर में केवल लगभग 30 किलोमीटर की बाड़ ही पूरी हुई है... जबकि विभिन्न स्थानों पर चेकपॉइंट और एकीकृत चेक पोस्ट हैं, तस्कर ऐसी वस्तुओं की तस्करी के लिए खुली सीमा का उपयोग करते हैं.


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