Manipur Women Viral Video Case: मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने वाले मामले पर शुक्रवार (28 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. इससे पहले केंद्र सरकार ने गुरुवार (27 जुलाई) को कोर्ट में मामले पर हलफनामा दायर किया, जिसमें मांग की गई है कि शीर्ष अदालत मुकदमे को राज्य (मणिपुर) से बाहर ट्रांसफर करने का आदेश दे. मामले पर 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: सज्ञान लेते हुए कड़ी टिप्पणी की थी और केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था.


मणिपुर वायरल वीडियो मामले पर केंद्र ने हलफनामे में क्या कहा?


सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर की महिलाओं वाले वायरल वीडियो मामले पर सुनवाई से पहले केंद्र सरकार ने गुरुवार (27 जुलाई) को हलफनामे में कहा, ''राज्य सरकार की सहमति लेकर मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर की जा रही है.'' केंद्र ने कहा कि मुकदमे का तेजी से निपटारा जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट मुकदमा राज्य से बाहर ट्रांसफर करने का आदेश दे.


केंद्र ने कहा कि सुनवाई करने वाली निचली अदालत को यह निर्देश भी दिया जाए कि चार्जशीट दाखिल होने के 6 महीने के भीतर फैसला दिया जाए.


इससे पहले सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय मेइती और कुकी समुदायों के संपर्क में है और मणिपुर में शांति बहाली के लिए बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है. मणिपुर में करीब तीन महीने से जारी जातीय हिंसा के कारण अभी तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. चार मई को महिलाओं के साथ हुई उत्पीड़न की इस घटना का वीडियो इस महीने सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद देश भर में आक्रोश फैल गया था.


सीजेआई ने क्या कहा था?


बता दें कि 20 जुलाई को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि कोर्ट मणिपुर की घटना से बेहद परेशान है. हिंसा के साधन के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल अस्वीकार्य है. अपराधियों को पकड़ने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अदालत को जानकारी दी जाए और सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी घटना न घटे. 


प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि अगर इस मामले पर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो वह करेंगे. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बाहर मीडिया से कहा था कि किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा.


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