Manipur Violence Update: पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से हिंसा की चपेट में मणिपुर में शांति बहाली की कोशिशें तेज हो गई हैं. राज्य में शांति बहाल करने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली में एक बैठक बुलाई है. ये बैठक 15 अक्टूबर को होगी जिसमें कुकी, मैतेई और नागा विधायक शामिल होंगे. ऐसा पहली बार होगा जब मणिपुर में हिंसा के हालात के बाद इन समुदायों के विधायकों की बैठक हो रही है.


पूर्वोत्तर राज्य में हुई हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. यह बैठक गृह मंत्रालय की देखरेख में होगी और इसका उद्देश्य संकट का शांतिपूर्ण समाधान निकालना है. गृह मंत्रालय के आला अधिकारी और मणिपुर के मुख्यमंत्री भी इस बैठक में शामिल होंगे. प्रदेश में शांति की प्रक्रिया को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस बैठक का प्रमुख एजेंडा होगा.


नागा विधायकों ने बैठक में शामिल होने की पुष्टि की


मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रमुख सहयोगी नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के तीन नागा विधायकों अवांगबौ न्यूमई, एल दिखो और राम मुइवा ने इस बैठक में भाग लेने की पुष्टि की है. राम मुइवा निजी काम से पहले ही दिल्ली में हैं. केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय लगातार प्रदेश के मुख्य समुदाय से बातचीत कर रहा है और हिंसा छोड़ प्रदेश के विकास में हिस्सा लेने का आह्वान कर रहा है.


जारी हिंसा ने राज्य को जातीय आधार पर तीव्र रूप से विभाजित कर दिया है, मुख्य रूप से पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी और घाटी में बहुसंख्यक मैतेई समुदायों के बीच. मणिपुर में अलग-अलग समुदायों के साथ आम लोगों को रोजमर्रा की चीजों के कमी न हो इसके लिए भी केंद्र सरकार की ओर से समुचित प्रयास किए जा रहे हैं.


पिछले साल मई में शुरू हुई थी हिंसा


जातीय तनाव 3 मई 2023 को शुरू हुआ जब ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने की मांग के खिलाफ एक रैली आयोजित की. हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और लगभग 50,000 लोग विस्थापित हुए. पिछले कुछ महीनों में राज्य में सुरक्षा बलों ने अवैध हथियार और गोला-बारूद बरामद करने के लिए कई अभियान चलाए हैं.


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