Manipur Violence News: करीब ढाई महीने से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है. बुधवार (19 जुलाई) को हिंसा का 78वां दिन हो गया. मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) के दर्जे की मांग और उसके विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद शुरू हुआ झड़पों का सिलसिला थम नहीं रहा है.
इस दरमियान हिंसा में 120 लोगों ने जान गंवा दी है. सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और हजारों संख्या में ही लोग विस्थापित भी हो चुके हैं. हालात पर काबू पाने के लिए राज्य में सेना तक की तैनाती है लेकिन ढाई महीने से हिंसा की तस्वीरें तो विचलित कर ही रही हैं. अब शर्मसार करने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में इसे लेकर अपहरण, गैंगरेप और हत्या आदि का मामला दर्ज किया गया है.
महिलाओं पर अत्याचार की शर्मसार करने वाली तस्वीर आई सामने
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार (19 जुलाई) को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया. चार मई के इस वीडियो में दिख रहा है कि अन्य पक्ष के कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रहे हैं.
आईटीएलएफ ने घटना के बारे में ये कहा
‘इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फॉरम’ (ITLF) के गुरुवार को प्रस्तावित मार्च से एक दिन पहले यह वीडियो सामने आया है. आईटीएलएफ के एक प्रवक्ता के मुताबिक, 'घृणित’ घटना चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई है और वीडियो में दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं और वे (महिलाएं) रो रही हैं और उनसे मन्नतें कर रही हैं.
पुलिस मामले की जांच कर रही है. प्रवक्ता ने 'घृणित कृत्य' की निंदा करते हुए एक बयान में मांग की कि केंद्र और राज्य सरकारें, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग अपराध का संज्ञान लें और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करें. कुकी-जो आदिवासी गुरुवार को चुरचांदपुर में प्रस्तावित विरोध मार्च के दौरान इस मुद्दे को भी उठाने की योजना बना रहे हैं.
गृह मंत्री अमित शाह कर चुके हैं राज्य का दौरा, सर्वदलीय बैठक भी हुई
मणिपुर के हालात पर काबू पाने के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मई के आखिर में राज्य का दौरा किया और लोगों से शांति-अमन कायम करने की अपील की. वहीं विपक्षी दल लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मामले पर चुप्पी साधने का आरोप लगा रहे हैं.
हिंसा की चपेट से कुछ एक बड़े नेताओं के घर भी नहीं बच सके हैं. 15 जून की रात भीड़ ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर तोड़फोड़ और आगजनी कर दी थी. इससे पहले 14 जून को इंफाल के लाम्फेल इलाके में कुछ लोगों ने महिला मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक आवास पर भी आगजनी की थी.
केंद्र सरकार ने 24 जून को मणिपुर के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में राज्य में सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी थी. विपक्षी ने राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को तुंरत हटाने की मांग की थी. कुछ नेताओं ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग की थी.
कांग्रेस ने की थी CM बीरेन सिंह को हटाने की मांग
वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मणिपुर को लेकर आठ सूत्रीय मांग की थी, जिसमें सीएम बीरेन सिंह को तुरंत हटाने की मांग पहले नंबर की थी. कांग्रेस समेत कुछ दलों ने उम्मीद जताई थी कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर भेजा जाएगा.
मणिपुर के हालात पर सरकार की ओर से क्या कुछ कहा गया?
सर्वदलीय बैठक के बाद बीजेपी प्रवक्ता और राज्य के प्रभारी संबित पात्रा ने जानकारी दी थी कि मणिपुर के हालात के बारे में गृह मंत्री अमित शाह ने प्रत्येक दिन पीएम मोदी से बात की है और प्रधानमंत्री ने उन्हें निर्देश दिए हैं. वहीं, इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी तक ने कथित तौर पर मणिपुर के हालात को लेकर टिप्पणी कर दी थी.
अमेरिकी राजदूत की टिप्पणी पर मचा था सियासी बवाल
मीडिया आई खबर के मुताबिक, गार्सेटी ने 6 जुलाई को कोलकाता में कहा था कि मणिपुर में हिंसा और हत्या ‘मानवीय चिंता’ का विषय हैं और अगर अमेरिका से कहा जाता है तो वह हालात से निपटने के लिए भारत का सहयोग करने को तैयार है.
गार्सेटी की कथित टिप्पणी पर कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधा था और मांग की थी कि क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिकी राजदूत को तलब कर कहेंगे कि मणिपुर के मामले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है?
राहुल गांधी भी कर चुके हैं मणिपुर का दौरा
बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी राज्य का दौरा किया था और कहा था एक ट्वीट में जनता से कहा था कि 'हिम्मत रखें, सब ठीक हो जाएगा. हम आपके साथ हैं.' तमाम कोशिशों के बाद मणिपुर संभल नहीं रहा है. यह सवाल बना हुआ है कि आखिर कब मणिपुर में शांति बहाल होगी?
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