Manipur Violence: बीते एक साल से ज्यादा समय से मणिपुर में हिंसा के बीच मंगलवार (15 अक्टूबर) को दिल्ली में पहली बार कुकी और मैतेई समाज के नेताओं के बीच बातचीत हुई. केंद्र सरकार की ओर राज्य में शांति की पहल के तहत ये बैठक बेहद अहम है. इस बैठक में दोनों समुदाय के बीच शांति पर सहमति बन गई है.


करीब 2 घंटे चली इस बैठक में मणिपुर में शांति बहाली को लेकर चर्चा की गई. मणिपुर के प्रभारी संबित पात्रा भी बैठक में मौजूद थे. मणिपुर विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों के एक ग्रुप ने इस बैठक में हिस्सा लिया. ये ग्रुप कुकी, मैतेई और नागा समुदायों का प्रतिनिधित्व करता है.


मणिपुर में हिंसा के बाद पहली बार हुआ ऐसा


मणिपुर में हिंसा के हालात 17 महीने से जारी हैं. इन परिस्थितियों में यह पहली इस तरीके की बड़ी बैठक है, जिसमें सारे वर्गों के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार के नुमाइंदों की मौजूदगी में हिस्सा लिया है. बैठक में मैतेई के 9, नागा के 4 और कुकी समुदाय के 5 प्रतिनिधि शामिल थे. बैठक का मुख्य एजेंडा प्रदेश में शांति की प्रक्रिया को कैसे आगे बढ़ाया जाए था.


बैठक में इस बात पर बनी सहमति


बैठक में सर्वसम्मति से राज्य के सभी समुदायों के लोगों से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील करने का संकल्प लिया गया ताकि निर्दोष नागरिकों की कीमती जान न जाए. मीटिंग में गृह मंत्रालय की ओर से एके मिश्रा के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. हालांकि गृह मंत्री अमित शाह और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह इस बैठक में शामिल नहीं हुए.


जातीय तनाव 3 मई 2023 को शुरू हुआ जब ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) ने मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने की मांग के खिलाफ एक रैली आयोजित की. हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और लगभग 50,000 लोग विस्थापित हो गए.


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