Manipur Violence: मणिपुर वीडियो मामले में 6 गिरफ्तार, सेना की तैनाती बढ़ी, पीएम मोदी को घेरने के लिए विपक्ष की ये रणनीति | 10 बड़ी बातें
Manipur Viral Video: मणिपुर में महिलाओं को नग्न परेड कराने वाली वीडियो वायरल होने के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेर रखा है.
Manipur Violence Update: मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना को लेकर देश में बड़े पैमाने पर गुस्सा दिखाई दे रहा है. हर ओर इस घटना की कड़ी निंदा हो रही है. इस दरिंदगी में शामिल अपराधियों के लिए फांसी की मांग भी उठ गई है. इस मामले को लेकर विपक्षी दल भी केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं और मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह का इस्तीफा मांग रहे हैं.
1. शनिवार (22 जुलाई) शाम को इस घटना में शामिल एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया. मणिपुर पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. अब तक पांच मुख्य आरोपियों और एक किशोर सहित कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. देश के कई राज्यों में शनिवार को इस घटना के विरोध में जोरदार प्रदर्शन हुआ है.
2. मणिपुर के कांगपोकपी जिले में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों ने किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है. इसके अलावा हवाई निगरानी भी तेज कर दी गई है. पुलिस ने बताया कि सुरक्षाकर्मी कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर इस घटना के बाकी बचे आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं.
3. मणिपुर पुलिस ने कहा कि पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में कुल 126 नाके और जांच चौकियां बनाई गई है और हिंसा के संबंध में पुलिस ने 413 लोगों को हिरासत में लिया है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर जरूरी सामान की आवाजाही भी सुनिश्चित की गई है.
4. इस घटना को लेकर संसद में भी हंगामा हो रहा है. विपक्षी दलों के सांसदों ने दोनों सदनों में इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान के लिए दबाव बनाने के लिए सोमवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध-प्रदर्शन की योजना बनाई है. सूत्रों के अनुसार, सोमवार (24 जुलाई) को सुबह 10 बजे बैठक के बाद नेता दोनों सदनों में प्रवेश करने से पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध-प्रदर्शन करेंगे.
5. केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार मणिपुर की घटना पर संसद में तथ्यों को रखेगी. उन्होंने वायरल वीडियो के बारे में बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि संसद में जिस भी मामले पर चर्चा होगी हम अपनी बात रखेंगे, लेकिन अभी मैं इस मामले पर कुछ नहीं कह सकता.
6. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर दुख व्यक्त किया और उनसे पूर्वोत्तर राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया. उन्होंने लिखा कि देश मणिपुर में आदिवासियों के साथ बर्बर तरीके का व्यवहार नहीं होने दे सकता.
7. इसी बीच सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने इस घटना में शामिल अपराधियों को फांसी पर लटकाने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकत बर्दाश्त के बाहर है. स्त्री के साथ ऐसा कृत्य अस्वीकार्य है. इन अपराधियों को मौत की सजा मिलनी चाहिए, फांसी के तख्ते पर लटका देना चाहिए. इन्होंने पूर्व फौजी की पत्नी के साथ भी दरिंदगी की, ये बेहद गंभीर मामला है. ये घटना मानवता पर बहुत बड़ा धब्बा है.
8. इस मामले को लेकर विपक्षी नेताओं का केंद्र पर हमला भी जारी रहा. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर नहीं जा सकते तो उन्हें एक बैठक बुलानी चाहिए थी और मणिपुर के हालात की समीक्षा करनी चाहिए थी. मैंने पहली बार देखा है कि कोई प्रधानमंत्री चुनाव के लिए कर्नाटक, राजस्थान और अन्य जगहों का दौरा कर रहे हैं लेकिन मणिपुर का नहीं. मणिपुर में उनकी सरकार है, सोचिए अगर कांग्रेस वहां सत्ता में होती तो वे क्या-क्या कहते.
9. वीडियो वाली घटना के बाद राज्य में दो आदिवासी महिलाओं के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या का एक और मामला सामने आया है. पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि चार मई को कथित रूप से बहुसंख्यक समुदाय से संबंधित 100 से 200 अज्ञात लोगों ने उनकी बेटी और उसकी सहेली से दुष्कर्म करने के अलावा उन्हें प्रताड़ित किया और क्रूरता पूर्वक दोनों की हत्या कर दी. दोनों लड़कियां कार सफाई की एक दुकान पर काम करती थीं और इंफाल पूर्वी के कोनुंग ममांग में किराये के घर में रहती थीं.
10. केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि हम सभी महिलाओं का, उनकी गरिमा का सम्मान करते हैं और जो कोई भी हमारे देश में महिलाओं की गरिमा को नुकसान पहुंचा रहा है, उन्हें कभी भी बख्शा नहीं जाएगा. उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. मणिपुर में तीन मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
(इनपुट पीटीआई से भी)
ये भी पढ़ें-