SC On YouTuber Manish Kashyap Plea: यूट्यूबर मनीष कश्यप की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (11 अप्रैल) सुनवाई की. ये सुनवाई जस्टिस कृष्ण मुरारी (Justice Krishna Murari) और जस्टिस संजय करोल (Justice Sanjay Karol) की बेंच ने की. इसे लेकर एससी की बेंच ने केंद्र, बिहार और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट इस पर अगली सुनवाई 21 अप्रैल को करेगा.
दरअसल यूट्यूबर कश्यप ने तमिलनाडु में प्रवासी कामगारों के बारे में फर्जी खबरें साझा करने के संबंध में खुद पर बिहार और तमिलनाडु में की गई एफआईआर को एकसाथ सुनने की मांग याचिका में की है. गिरफ्तार यूट्यूबर ने बिहार और तमिलनाडु में दर्ज FIR और NSA मामले में राहत की मांग के साथ याचिका में जमानत की मांग भी की है.
यूट्यूबर मनीष कश्यप पर कुछ ऐसे हुई जिरह
बार एंड बेंच के मुताबिक, यूट्यूबर मनीष कश्यप की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने कोर्ट में कहा कि तमिलनाडु ने यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज कीं और बिहार की एक एफआईआर पर उसकी जमानत खारिज कर दी गई. वह दो राज्यों में 5 मुकदमों का सामना कर रहा है.
उन्होंने आगे कहा, "एक अपराध कई कार्यवाही को जन्म नहीं दे सकता है और ऐसा अर्नब गोस्वामी मामले में ऐसा किया गया था. इसलिए मैं अदालत से प्रार्थना कर रहा हूं कि बिहार एफआईआर को प्रमुख एफआईआर होने दें. वहां दूसरी एफआईआर में हैंड्स ऑफ अप्रोच (Hands Off Approach) मतलब गैर हस्तक्षेप होने दें. मनीष कश्यप ने अपनी याचिका में कहा है कि मुझे तमिलनाडु ले जाया जा रहा है जहां की भाषा मुझे समझ नहीं आती."
इसके जवाब में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा, "इसके नतीजे में मौतें हुई हैं और यह इतना आसान मामला नहीं है. चलिए जवाब दाखिल करते हैं. वह पहले ही एनएसए के तहत हिरासत में है. यूआरएल अलग है और अपराध अलग हैं."
सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा, "हम कह रहे हैं कि जब तक हम इसे फिर से नहीं सुनते, तब तक कोई जबरदस्ती कार्रवाई नहीं की जाएगी."
एडवोकेट सिब्बल ने कहा, " वह पहले से ही हिरासत में है."
सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहा, " हम कह रहे हैं कि आगे कोई जबरदस्ती नहीं की जाएगी."
इस पर कपिल सिब्बल ने कहा, " मुझे दो हफ्ते दीजिए. हम जवाब दाखिल करेंगे "
इसे लेकर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने कहा. "उसी सामग्री पर और एक अन्य जो एक यूट्यूब चैनल चला रहा है, मामलों का सामना कर रहा है.. 2 सप्ताह बहुत अधिक है..मुझे हर रोज परेशान किया जा रहा है.. बिहार में मेरी जमानत की कोशिश लिए.. मुझे तमिलनाडु में कैद किया जाएगा... एनएसए कैसे लगाया जा सकता है.. यह चौंकाने वाला है.. राष्ट्र की संप्रभुता को खतरा है"
तब जस्टिस संजय करोल ने कहा, " हल्के-फुल्के अंदाज में मैं भी बिहार का प्रवासी हूं..."
जस्टिस कृष्ण मुरारी ने इस पर कहा, "यह बयान अब बहुत कुछ कहता है."
एससी ने आगे कहा," नोटिस जारी करते हुए कहा. विद्वान अधिवक्ता बिहार राज्य की ओर से नोटिस स्वीकार करते हैं. केंद्र सरकार को केंद्रीय एजेंसी के माध्यम से सेवा दी जाए. एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करें."
सिब्बल ने इस पर कहा, " हमें थोड़ा वक्त दीजिए.. इस घटना से पहले 9 और एफआईआर हैं"
मनीष कश्यप की तरफ से अदालत में पेश हुए दवे ने कहा," हमारे पास यह वक्त 21 अप्रैल को हो सकता है."
दवे ने कहा, "कृपया मुझे प्रोडक्शन के लिए अन्य जगहों पर न ले जाने दें. मुझे पूरे भारत में बिहार से तमिलनाडु ले जाया जा रहा है"
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "एक हफ्ते का इंतजार करें."
यूट्यूबर मनीष कश्यप तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमले के संबंध में एक फर्जी वीडियो साझा करने के मामले में मौजूदा वक्त में तमिलनाडु पुलिस की हिरासत में है.
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