Manish Sisodia on Delhi LG: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना पर अब नया आरोप लगाया है. केजरीवाल सरकार ने कहा कि उपराज्यपाल की ओर से अब केजरीवाल सरकार के फ्लैगशिप प्रोग्राम, जिसमें दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को विदेशों में एक्सपोजर विजिट के माध्यम से ट्रेनिंग करवाई जाती है, पर रोक लगाई जा रही है. दिल्ली सरकार के मुताबिक, उपराज्यपाल की ओर से शिक्षा निदेशालय के प्राइमरी-इंचार्जों और टीचर एजुकेटर्स की फिनलैंड में प्रस्तावित ट्रेनिंग पर रोक लगाई गई है और कहा गया है कि शिक्षा निदेशालय पिछले वर्षों में हुई फॉरेन एक्सपोजर ट्रेनिंग का कास्ट-बेनिफिट विश्लेषण मुहैया करवाए.
उपराज्यपाल की ओर से दर्ज की गई आपत्ति के जवाब में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी का हमारे शिक्षकों की फॉरेन एक्सपोजर ट्रेनिंग पर रोक लगाना दिल्ली के एजुकेशन मॉडल पर हमला करना है. उन्होंने कहा कि जिस दिल्ली एजुकेशन मॉडल ने पूरे विश्व में भारत को गौरवान्वित करने का काम किया है, उस एजुकेशन मॉडल को और शानदार बनाने में मदद करने के बजाय उपराज्यपाल उसकी अनूठी पहलों को रोकने का काम कर रहे हैं, यह बेहद शर्मनाक है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस मामले में ट्वीट करते हुए कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को हम विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजते रहे हैं. दिल्ली की शिक्षा क्रांति में इसका बड़ा योगदान रहा है. इन्हें विदेशों में ट्रेनिंग के लिए जाने से रोकना ठीक नहीं है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक और ट्वीट कर कहा, "आपने मुझे विदेश जाने से रोका, कोई बात नहीं पर शिक्षकों को तो फिनलैंड ट्रेनिंग के लिए जाने दीजिए? उन्हें तो मत रोकिए?"
पहले इन देशों में भेजे जा चुके हैं शिक्षक
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने सत्ता में आने के बाद अपने शिक्षकों को विश्व के शिक्षा मॉडलों से सीखने और उसे अपने स्कूलों में अपनाने के लिए उन्हें सिंगापुर, फिनलैंड, ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज सहित शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी देशों और संस्थानों में ट्रेनिंग के लिए भेजा. ट्रेनिंग की बदौलत शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई और उन्होंने शिक्षा को वैश्विक दृष्टिकोण से देखा. यही कारण है कि हमारे शिक्षक आज भरोसे और आत्मविश्वास के साथ बच्चों को पढ़ा रहे हैं और अपने क्लासरूम में नए इनिशिएटिव अपना रहे हैं. मनीष सिसोदिया ने कहा कि इसकी बदौलत आज दिल्ली सरकार के स्कूलों का बोर्ड रिजल्ट 99.6% आ रहा है. हमारे स्कूलों से निकले बच्चों का सैकड़ों की संख्या में आईआईटी और मेडिकल संस्थानों में दाखिला हो रहा है. आज एक गरीब परिवार का बच्चा भी दिल्ली सरकार के स्कूल से निकलकर देश के बेहतरीन उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला ले पा रहा है.
उन्होंने कहा कि एलजी साहब का कहना है कि इन ट्रेनिंग का कोई औचित्य नहीं है और उन्होंने एससीईआरटी को इसका कास्ट-बेनिफिट विश्लेषण मांगा है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी साहब से पूछना चाहता हूं कि इन ट्रेनिंग का कास्ट-बेनिफिट विश्लेषण कैसे किया जाता है? क्या इन ट्रेनिंग के बाद दिल्ली सरकार के स्कूलों में आए बदलाव, वहां बना शिक्षा का शानदार माहौल, बोर्ड परीक्षाओं में बच्चों के शानदार रिजल्ट, दिल्ली सरकार के स्कूलों पर पैरेंट्स का बढ़ता भरोसा इन ट्रेनिंग की नतीजा नहीं है? उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल की ओर से इन ट्रेनिंग पर रोक पूरी तरह शिक्षा पर प्रहार है.
'दुनियाभर में सबसे अग्रणी एजुकेशन सिस्टम में से एक'
बता दें कि एससीईआरटी दिल्ली ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्राइमरी इंचार्जों और एससीईआरटी के टीचर एजुकेटर्स के लिए फिनलैंड के ‘ज्यवास्काइला यूनिवर्सिटी’ में 5 दिनों के ट्रेनिंग कार्यक्रम का प्रस्ताव तैयार किया. जैवास्काइला यूनिवर्सिटी फिनलैंड का शीर्ष विश्वविद्यालय है और उत्कृष्टता का एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र है और 2019 की एकेडमिक रैंकिंग में दुनिया के शीर्ष 40 विश्वविद्यालयों में शामिल है. फिनलैंड का एजुकेशन सिस्टम दुनियाभर में सबसे अग्रणी एजुकेशन सिस्टम में से एक है. एससीईआरटी की ओर से यहां दिसंबर 2022 और मार्च 2023 में 30 प्राइमरी इंचार्जों के दो समूहों को भेजने की योजना बनाई है. इसके तहत एससीईआरटी ने अपनी वार्षिक योजना में एक बजट का प्रावधान किया है और इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एससीईआरटी को दिल्ली सरकार की ओर से ग्रांट दिया गया है.
अपने विभिन्न फॉरेन एक्सपोजर विजिट/ ट्रेनिंग के माध्यम से केजरीवाल सरकार अबतक अपने 1,079 शिक्षकों को विभिन्न देशों में भेज चुकी है. इनमें 59 शिक्षक फिनलैंड, 420 शिक्षक कैंब्रिज और 600 शिक्षक सिंगापुर में ट्रेनिंग के लिए जा चुके हैं. इसके अलावा अब तक 860 स्कूल प्रिंसिपल्स आईआईएम अहमदाबाद और लखनऊ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में ट्रेनिंग ले चुके हैं.
दरअसल, दिल्ली सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इससे जुड़ी एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल की फाइल 25 अक्टूबर 2022 को एलजी ऑफिस को मिली थी. उन्होंने 10 नवंबर 2022 को तीन स्पष्टीकरण/आपत्तियां मांगते हुए फाइल मुख्य सचिव को लौटा दी. एससीईआरटी दिल्ली ने उन बिंदुओं को स्पष्ट किया और 14 दिसंबर 2022 को एलजी कार्यालय में फाइल दोबारा जमा की. इसके बाद एलजी ने इस पर दो और स्पष्टीकरण मांगे और 9 जनवरी 2023 को फाइल सीएम को वापस लौटा दी.
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