Manish Sisodia CBI Raids: दिल्ली के कथित शराब घोटाले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुसीबतें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. सीबीआई ने शनिवार (14 जनवरी) को सिसोदिया के दफ्तर पर छापा मारा था. जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने इस दौरान सिसोदिया के कार्यालय से एक कंप्यूटर जब्त किया है. अब इसको लेकर सिसोदिया ने सीबीआई पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
डिप्टी सीएम ने आधिकारिक लिखित बयान में CBI पर आरोप लगाया है कि सेकेंड सैटरडे यानी छुट्टी के दिन CBI जान-बूझकर उनके दफ्तर पहुंची थी. सिसोदिया ने CBI आरोप लगाते हुए कहा, "जबरदस्ती गलत तरीके से चार्जशीट में नाम जोड़ने के लिए कंप्यूटर ले जाया गया ताकि CPU में खुद से डॉक्यूमेंट अपलोड किया जा सके."
'छुट्टी के दिन CBI ने रेड डाली'
सीबीआई की छापेमारी पर सिसोदिया ने कहा, "कल महीने का दूसरा शनिवार था. इसलिए मेरा कार्यालय बंद था. सीबीआई के किसी अधिकारी ने टेलीफोन पर मेरे पर्सनल सेक्रेटरी को कार्यालय खोलने के लिए कहा. दोपहर करीब 3:00 बजे जब पीएस ने देखा कि ऑफिस में सीबीआई की टीम पहले से ही मौजूद थी. सीबीआई के अधिकारियों ने पर्सनल सेक्रेटरी को कार्यालय खोलने और कॉन्फ्रेंस रूम में ले जाने को कहा. जैसे ही वे कॉन्फ्रेंस रूम में पहुंचे, उन्होंने वहां एक कंप्यूटर लगा देखा. उन्होंने मेरे सेक्रेटरी को कंप्यूटर चालू करने के लिए कहा, उसका आंकलन किया और CRPC की धारा 91 के तहत एक नोटिस सचिव को सौंप दिया."
CBI पर सिसोदिया के आरोप
उन्होंने कहा, "यह नोटिस उपमुख्यमंत्री (GNCTD) के नाम आरसी0032022ए0053 की जांच के संदर्भ में था. सिसोदिया ने कहा, "नोटिस के अनुसार, सचिव से अनुरोध किया गया था कि वह कॉन्फ्रेंस रूम में लगे कंप्यूटर सिस्टम का CPU दें. इसके बाद, निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना ही कार्यालय के कॉन्फ्रेंस रूम से CPU को जब्त कर लिया गया." सिसोदिया ने कहा, "उक्त नोटिस को देखकर यह पता चल रहा है कि सचिव को नोटिस हाथ से लिख कर दिया गया और तुरंत ही संपत्ति (CPU) को जब्त कर लिया गया, जो अधिकारियों के दुर्भावना को दर्शाता है."
'नियमों का पालन नहीं किया'
सिसोदिया ने कहा, "सीबीआई ने निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन किए बगैर CPU जब्त किया." उन्होंने कहा, "सीबीआई मैनुअल के अनुसार यह कानूनी व्यवस्थाएं होनी चाहिए: - पहली हैश वैल्यू होनी चाहिए, जिसमें एक इलेक्ट्रॉनिक फिंगरप्रिंट जरूरी है. एक फाइल के अंदर डेटा को क्रिप्टोग्राफिक एल्गोरिदम के जरिए जाना जाता है, इसे हैश-वैल्यू कहते हैं. यह डेटा वेरिएबल्स की एक स्ट्रिंग है. हैश वैल्यू दरअसल एक चाबी है जिससे यह पता लगता है कि जिस डेटा पर सवाल किया जा रहा है उसकी मान्यता और प्रामाणिकता का पता लगाया जा सकता है."
CPU की हो सकती है फोरेंसिक जांच!
वहीं सीबीआई के एक सूत्र ने आईएएनएस न्यूज एजेंसी से कहा, "कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद हमने कंप्यूटर को जब्त कर लिया है. सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावनाएं हैं और इसलिए हमने इसे जब्त कर लिया है." सूत्र ने कहा कि सीबीआई जब्त कंप्यूटर को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) भेज सकती है. सूत्र ने यह भी दावा किया कि सीबीआई कुछ 'डिलीट' किए गए डेटा तक पहुंच बनाना चाहती है, जिसके लिए वह एफएसएल की सहायता ले सकती है. बता दें कि पिछले साल नवंबर में सीबीआई ने कथित शराब नीति घोटाले के संबंध में चार्जशीट दायर की थी, इसमें सिसोदिया का नाम नहीं था. हालांकि, इस मामले में पहले दर्ज की गई FIR में उनका नाम था.
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