Manish Sisodia Remand: 'एक फोन...', मनीष सिसोदिया मामले में आज कोर्ट में क्या कुछ हुआ? पढ़ें CBI और डिप्टी सीएम की दलील
Manish Sisodia Arrest: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सोमवार को कोर्ट में पेशी हुई. सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री की पांच दिन की रिमांड मांगी, जिसका सिसोदिया के वकील ने विरोध किया.
Manish Sisodia Arrested: सीबीआई ने सोमवार (27 फरवरी) को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया. सीबीआई (CBI) ने मनीष सिसोदिया की 5 दिन की कस्टडी की मांग की. रॉउज एवन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 4 मार्च तक सीबीआई रिमांड में भेजा है. सिसोदिया को जांच एजेंसी ने रविवार को शराब नीति मामले में करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. आपको बताते हैं कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ.
सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि मनीष सिसोदिया ने कैबिनेट नोट चलाया. जिसमें नई एक्साइज पॉलिसी के लिए पब्लिक रिस्पॉन्स लिया गया. उसके बाद ग्रुप ऑफ मिनिटर्स के जरिए रिटेल और थोक दुकानों के लिए बदलाव करने की बात हुई. रिमांड मांगते हुए सीबीआई ने कहा कि बहुत ही सुनियोजित और गुप्त तरीके से साजिश रची गई.
सीबीआई ने क्या कहा?
सीबीआई ने कहा कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के नोट हमें एक कंप्यूटर से मिले. कमीशन अचानक से 5 से बढ़ाकर 12 करोड़ कर दिया गया. पॉलिसी अगर ठीक थी तो आगे बढ़ना था. दो पब्लिक सर्वेंट को हमने एक्यूज बनाया. इंडो स्पिरिट को मनीष के कहने पर फायदा पहुंचाया. जज ने पूछा पीसी क्यों चाहिए? सीबीआई ने कहा कि इस मामले में आमने-सामने पूछताछ करनी है.
सिसोदिया के वकील ने किया विरोध
मनीष सिसोदिया की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने सीबीआई की दलील का विरोध किया. उन्होंने कहा कि सीबीआई के पास रिमांड लेने का कोई बड़ा कारण नहीं है. जिस फोन के बारे में सीबीआई बात कर रही है. जब मैंने अपना फोन बदला तो मैंने अपनी चेट और कॉल रिकॉर्ड क्यों नहीं हटाया कि भविष्य के मेरे खिलाफ जांच हो?
उन्होंने कहा कि दक्षिण ग्रुप के फोन से जो चेट मिली उसमें विजय नायर का जिक्र है, वो बेल पर हैं फिर ये मनीष से कैसे जुड़ा है? रिमांड के ग्राउंड कानून की नजर में नहीं टिकते. एलजी की अप्रूवल से कमीशन प्रतिशत बढ़ाया गया. सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया कमीशन के परसेंट में बदलाव पर जवाब नहीं दे पाए.
"जांच में पूरा सहयोग किया"
मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि जहां तक जांच में सहयोग की बात है तो मनीष ने अभी तक पूरा सहयोग किया है. एलजी जो मामले में शिकायतकर्ता हैं, उन्होंने खुद शराब नीति में बदलावों को मंजूरी दी. वे कहते हैं कि सिसोदिया ने चार फोन इस्तेमाल किए, जिनमें से तीन नष्ट हो गए? ऐसे में मुझे क्या करना होगा? उन फोन को इस उम्मीद में संभाले रखते कि एजेंसी आकर गिरफ्तार कर लेगी? इन ग्राउंड पर रिमांड देना उचित नहीं होगा.
"सीआरपीसी 41 का पालन आवश्यक"
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान तीन नोटिस दिए गए जिसमें से दो पूछताछ में शामिल हुए, लेकिन आरोप लगाया कि वो जवाब नहीं दे रहे हैं. सीबीआई जैसा चाहती है वैसा जवाब न दो तो सीबीआई रिमांड चाहती है. सीआरपीसी 41 का पालन आवश्यक है. गिरफ्तार करते वक्त पुलिस को इसकी वजह बतानी चाहिए. अगर सीआरपीसी 41 का पालन नहीं होता है ऐसे में बेल मिलनी ही चाहिए.
"शराब नीति में पारदर्शिता बरती गई"
मनीष के वकील ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले जांच अधिकारी को ये सोचना चाहिए कि इसका मकसद क्या है और इससे हासिल क्या होगा? गिरफ्तार करने की शक्तियों का इस्तेमाल विवेकपूर्ण होना चाहिए. सिसोदिया के दूसरे वकील मोहित माथुर ने कहा कि शराब नीति को सिसोदिया की ओर से सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था, पारदर्शिता बरती गई. इस सबको उपराज्यपाल के कार्यालय में पहुंचने पर ही अमलीजामा पहनाया गया.
उन्होंने कहा कि जो भी शराब नीति में प्रॉफिट के संबंध में 5 से 12 प्रतिशत के जो बदलाव किए, वो नोट का हिस्सा था जिसे एलजी को भेजा गया था, जिसमें एलजी की ओर से तब कोई बदलाव का सुझाव नहीं दिया गया था. सीबीआई उस फैसले की जांच करनी चाहती है जो चुनी हुई सरकार की कैबिनेट ने किया था. ऐसा नहीं हो सकता.
"हमें उस फोन के बारे में पूछताछ करनी है"
सीबीआई ने कहा कि हमें उस फोन के बारे में पूछताछ करनी है जो मनीष सिसोदिया साल 2020, जनवरी से इस्तेमाल कर रहे थे. मनीष के वकील ने कहा कि सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को सिसोदिया के घर और ऑफिस की तलाशी ली थी, 1 सितंबर 2022 को सिसोदिया ने उन्हें अपना फोन सौंप दिया था. ये दर्शाता है कि उन्होंने जांच में हमेशा सहयोग किया. सीबीआई ने जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया वो भी तब जब दिल्ली में बजट पेश करने की तैयारी की जा रही थी. मैंने सीबीआई से समय मांगा. मैंने सीबीआई को जांच में पूरा सहयोग किया है.
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