Delhi Excise Policy Scam: दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में रविवार (26 फरवरी) को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के रूप में एक बड़ी गिरफ्तारी हुई. सिसोदिया की गिरफ्तारी मामले की जांच में सहयोग न करने को लेकर हुई. सीबीआई (CBI) ने इसकी जानकारी दी. इससे पांच दिन पहले ही मामले से जुड़े आरोपियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा एक्शन लिया. आरोपियों की 72 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई.
जिन आरोपियों की संपत्ति कुर्क की गई, उनमें आम आदमी पार्टी (AAP) के संचार प्रभारी विजय नायर, कारोबारी समीर महेंद्रु, दिनेश अरोड़ा और अरुण पिल्लई के नाम शामिल हैं. कुर्क की गई संपत्तियों में आरोपियों की चल और अचल संपत्ति, बैंक खाते, सावधि जमा और वाहन शामिल हैं. बता दें कि जनवरी के पहले हफ्ते में प्रवर्तन निदेशालय ने दूसरा आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें 12 आरोपियों के नाम शामिल हैं. उनमें से पांच की गिरफ्तारी पहली ही हो चुकी है.
'नीति तैयार करने और कार्यान्वयन दोनों में थीं अनियमितताएं'
सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सिसोदिया को करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया. पिछले साल जून में दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई है.
जांच एजेंसी का कहना है कि आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन दोनों में अनियमितताएं थीं और उसका मकसद 'आप' से जुड़े लोगों को कथित तौर पर लाभ पहुंचाना था. सीबीआई के अधिकारी सिसोदिया के जवाब से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने आरोप लगाया कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे जिसके परिणामस्वरूप उन्हें गिरफ्तार किया गया. सीबीआई ने एक बयान में कहा, ''उन्होंने टालने वाले जवाब दिए और सबूत दिखाए जाने के बाद भी उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है.''
सीबीआई ने अपने बयान में यह कहा
सीबीआई ने अपने बयान में कहा कि सिसोदिया को दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 41ए के तहत 19 फरवरी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया गया था. एजेंसी ने कहा 'हालांकि, उन्होंने अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए एक सप्ताह का समय मांगा. उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्हें 26 फरवरी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया गया था.
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकारियों ने आबकारी नीति के विभिन्न पहलुओं, दिनेश अरोड़ा और अन्य आरोपियों के साथ उनके कथित संबंधों और कई फोन से संदेशों के आदान-प्रदान के विवरण सहित अन्य मुद्दों पर मंत्री से पूछताछ की. एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि यह महसूस किया गया कि सिसोदिया से गहन पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया जाना आवश्यक है.
सीबीआई की प्राथमिकी में आरोपी संख्या एक के रूप में जिक्र किये गये सिसोदिया से इससे पहले पिछले साल 17 अक्टूबर को पूछताछ की गई थी. इसके एक महीने बाद, पिछले साल 25 नवंबर को एजेंसी ने अपना आरोपपत्र दाखिल किया था. सिसोदिया को सोमवार को एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा. सीबीआई ने आरोपपत्र में सिसोदिया को नामजद नहीं किया था क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनके और अन्य संदिग्धों और आरोपियों के खिलाफ जांच खुली रखी थी.
मनीष बेकसूर हैं- CM केजरीवाल
सिसोदिया की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘मनीष बेकसूर हैं. उनकी गिरफ्तारी गंदी राजनीति है. मनीष की गिरफ्तारी से लोगों में बहुत रोष है. लोग सब देख रहे हैं. लोगों को सब समझ आ रहा है. लोग इसका जवाब देंगे. इस से हमारे हौसले और बढ़ेंगे. हमारा संघर्ष और मजबूत होगा.’’ आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सिसोदिया की गिरफ्तारी को 'तानाशाही की पराकाष्ठा' करार दिया.