Delhi Liquor Policy Case: मनीष सिसोदिया को झटका, आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में नहीं मिली जमानत, कोर्ट ने क्या कुछ कहा?
Delhi Liquor Policy Case: मनीष सिसोदिया को ईडी ने आबकारी नीति मामले में 9 मार्च को गिरफ्तार किया था. इससे पहले उन्हें सीबीआई ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.
Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में झटका लगा है. दिल्ली की अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में शुक्रवार (28 अप्रैल) को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज एमके नागपाल ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज की है.
अब निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ सिसोदिया अब दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करेंगे. कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमानत अर्जी का विरोध किया था. ईडी ने कहा था कि जांच ‘महत्वपूर्ण’ चरण में है और आप के वरिष्ठ नेता ने यह दिखाने के लिए मनगढ़ंत ई-मेल तैयार किये थे कि नीति को सार्वजनिक स्वीकृति हासिल थी.
कोर्ट ने क्या कुछ कहा?
राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि आबकारी नीति में आपराधिक षड्यंत्र का मनीष सिसोदिया आर्किटेक्ट हैं. प्रॉफिट मार्जिन 12% करने के पीछे मनीष सिसोदिया का दिमाग था. कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया ने ही थोक विक्रेताओं के लिए पात्रता मानदंडों में 100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 500 करोड़ रु.किया. कोर्ट ने कहा सिसोदिया की पत्नी की खराब सेहत का हवाला जमानत का आधार नहीं हो सकता है.
मनीष सिसोदिया ने क्या दावा किया था?
सिसोदिया की याचिका में दावा किया गया था कि जांच के लिए उनकी हिरासत की अब आवश्यकता नहीं है. आप नेता लगातार दावा करते रहे हैं कि ये पूरा मामला झूठा है और केंदर सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.
गुरुवार (27 अप्रैल) को कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ा दी थी. इससे पहले दिल्ली की अदालत ने सीबीआई की तरफ से दर्ज किए गए आबकारी नीति मामले में 31 मार्च को सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
कोर्ट ने कहा था कि सिसोदिया प्रथम दृष्टया इस मामले में आपराधिक साजिश के सूत्रधार थे और उन्होंने दिल्ली सरकार में अपने और अपने सहयोगियों के लिए लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में 'सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख भूमिका' निभाई.
अदालत ने कहा था कि इस समय सिसोदिया की रिहाई से जांच पर प्रभाव पड़ सकता है और इसकी प्रगति 'गंभीर रूप से बाधित' हो सकती है. दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था.