Manish Sisodia Bail: तिहाड़ में बंद मनीष सिसोदिया का इंतजार जल्द होगा खत्म? सिंघवी की दलील पर CJI चंद्रचूड़ के जवाब ने बढ़ा दी उम्मीद
Manish Sisodia News: 4 जून को कोर्ट ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज मामलों में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था.
Delhi Excise Policy Case: दिल्ली आबकारी नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia Bail) ने सोमवार (8 जुलाई, 2024) को फिर से जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया की तरफ से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कोर्ट से जमानत याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया है. इस पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने जवाब में ऐसी बात कही, जिसने सिसोदिया की जेल से बाहर आने की उम्मीद बढ़ा दी है.
पहले 4 जून को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) और प्रवर्तन निदेशायल (ED) की ओर से दायर मामलों में कोर्ट की वेकेशन बेंच ने सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था. अब फिर से उन्होंने याचिका दाखिल कर उस पर विचार करने का अनुरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह सुनवाई के लिए सिसोदिया की याचिका सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा. इस दौरान, सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम देखते हैं. आइए जानते हैं कि सिंघवी और सीजेआई चंद्रचूड़ के बीच क्या बात हुई.
अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि डेढ़ साल से मनीष सिसोदिया जेल में हैं और कोर्ट ने कहा था कि मामले की सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए, लेकिन हियरिंग अभी तक शुरू नहीं हुई है. उन्होंने कहा, 'मनीष सिसोदिया 16 महीने से जेल में हैं. कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए, लेकिन यह अब तक शुरू ही नहीं हुई है. मैंने विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की, उन्होंने 3 जुलाई के बाद फिर से याचिका दायर करने की छूट दी थी. अदालत ने सूचीबद्ध करने की छूट दी थी.' इस वह मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'क्या आपने ई-मेल किया है... मैं इस पर गौर करूंगा.'
मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट के 21 मई के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उससे पहले उन्होंने निचली अदालत के 30 अप्रैल के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. निचली अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में अनियमितताओं से जुड़े मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था.