Manish Sisodia News: मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा- 'इस बात की गंभीर आशंका है कि...'
Manish Sisodia Bail Plea: अदालत ने कहा है कि आबकारी नीति के निर्धारण और उसे अमल कराने में मनीष सिसोदिया की अहम भूमिका रही है. कोर्ट ने कहा कि जमानत देने पर वो जांच को प्रभावित कर सकते हैं
![Manish Sisodia News: मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा- 'इस बात की गंभीर आशंका है कि...' Manish Sisodia bail plea in the CBI case rejected by court ann Manish Sisodia News: मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा- 'इस बात की गंभीर आशंका है कि...'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/31/558229abf23962f2b4acb4b465d1b59a1680284845617503_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Manish Sisodia Bail Plea Rejected: दिल्ली सरकारी के कथित शराब घोटाले के मामले में पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को अदालत से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने सीबीआई मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. इतना ही नहीं अदालत ने उन्हें इस घोटाले का आर्किटेक्ट बताया है.
अदालत ने कहा है कि आबकारी नीति के निर्धारण और उसे अमल कराने में उनकी अहम भूमिका रही है. साथ ही अदालत ने जांच एजेंसी (सीबीआई) जांच के उस हिस्से को अहमियत दी है जिसमें ये दावा किया गया है कि 90 से 100 करोड़ रुपये का किक बैंक सिसोदिया व उनके साथियों तक पहुंचाया गया. इसकी एवज में आबकारी नीति में बदलाव करते हुए साउथ ग्रुप को फायदा पहुंचाया गया.
अदालत के आदेश की महत्वपूर्ण बातें
मनीष सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुनाते हुए स्पेशल जज एमके नागपाल ने कहा कि बेल डिसमिसड है. साथ ही उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में रिटन आर्डर मिल जाएगा. अदालत के आदेश में जो महत्वपूर्ण बातें कहीं गयी हैं, वो इस प्रकार है.
कोर्ट ने कहा कि अभी अगर मनीष सिसोदिया को ज़मानत दी जाती है, तो वो जांच को प्रभावित कर सकते हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. जिस तरह मोबाइल फोन को नष्ट करने या उसे एजेसियों के सुपुर्द न करने, कैबिनेट नोट से जुड़ी फ़ाइल पेश न करने आदि का उनका व्यवहार रहा है, उससे इस बात की गम्भीर आशंका है कि ज़मानत मिलने पर वो सबूतों को नष्ट कर सकते हैं, या फिर अहम गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
कोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं.
सिसोदिया को इस मामले में 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
सिसोदिया की भूमिका के बारे में जांच अभी पूरी नहीं हुई है, ऐसे में अभी इस स्टेज पर सिसोदिया को जमानत पर नहीं छोड़ा जा सकता.
कोर्ट ने कहा इस मामले में सह आरोपियों के खिलाफ भी अभी जांच जारी है.
इस मामले में महज़ 7 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है, दूसरे आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है. आर्थिक अपराध की जड़े गहरी होती है.
अभी तक जिन सहआरोपियो को ज़मानत मिली है, उनकी भूमिका की तुलना सिसोदिया की भूमिका से नहीं की जा सकती. जिन दो अधिकारियों को ज़मानत मिली है, वो तो सिसोदिया के मातहत काम कर रहे थे.
कोर्ट ने कहा सीबीआई के अभी तक जांच में जमा किए गए सबूत अपराधिक षड्यंत्र में सिसोदिया की सक्रिय भागीदारी दिखाते हैं. इतना ही नहीं पीसी (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन) एक्ट के तहत कुछ ठोस अपराधों को भी दर्शाते हैं.
कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया की पत्नी की बीमारी के बारे में बचाव पक्ष ने दलील दी थी कि वो पिछले 20 साल से बीमार है, जबकि मेडिकल हिस्ट्री के दस्तावेज 2022-23 के ही हैं. इसके अलावा मेडिकल दस्तावेज में ऐसा नहीं कहा गया है कि उनकी हालत बेहद गंभीर है.
ये भी पढ़ें: Manish Sisodia: आज मिलेगी बेल या बरकरार रहेंगी मुश्किलें, शाम 4 बजे जमानत याचिका पर होगी सुनवाई
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शंभू भद्र](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/fdff660856ace7ff9607d036f59e82bb.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)