सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जामनत याचिकाओं पर मंगलवार (6 अगस्त, 2024) को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. मनीष सिसोदिया ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में याचिकाएं दाखिल कर बेल का अनुरोध किया था.


जस्टिस भूषण रामाकृष्णन गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने सिसोदिया की पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. सुनवाई के दौरान जब एएसजी राजू ईडी की तरफ से दलीलें दे रहे थे कि क्यों ट्रायल शुरू करने में देरी हुई तो कोर्ट ने उनकी पुरानी दलीलें याद दिलाते हुए तीखे सवाल पूछ लिए.


ईडी ने पहले कहा कि अगर सिसोदिया बेवजह आवेदन कर देरी ने करते तो ट्रायल अब तक शुरू हो सकता था. वहीं, दूसरी तरफ ईडी ने 4 जून को डेटा इकट्ठा करने और अंतिम आरोपपत्र दायर करने के लिए 3 जुलाई तक का समय मांगा था. जस्टिस के वी विश्वनाथन ने ईडी से कहा, 'अंतिम चार्जशीट 28 जून को आती है और आपने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया चल रही है... इसका मतलब है कि आपको लगा कि जब तक सभी आरोपपत्र दाखिल नहीं हो जाते मुकदमा शुरू नहीं हो सकता,  अब ये कहना कि आप आगे बढ़ सकते थे, लेकिन उन्होंने देरी की...  इसमें कुछ असंगति है.'  


जस्टिस विश्वनाथन ने उनसे आगे कहा कि 493 गवाहों को देखते हुए बताएं कि ट्रायल कब खत्म हो सकता है. इससे पहले एएसजी राजू ने तर्क दिया था कि सिसोदिया की मौजूदा याचिका मुकदमे में देरी के आधार पर केंद्रित थी और उन्होंने खुद ही बेवजह आवेदनों के कारण इसे लंबा खींच दिया. उन्होंने कहा कि सिसोदिया ने अविश्वसनीय दस्तावेंजों की मांग करते हुए आवेदन दायर किए, जबकि उनकी जरूरत नहीं थी. एएसजी राजू ने कहा कि अगर वह डिस्चार्ज आवेदन नहीं देना चाहते थे तो उन्हें कोर्ट को सूचित करना चाहिए था ताकि आरोप तय किए जा सकें, आरोप तय करने से बचने के लिए ऐसा नहीं किया गया. एएसजी ने यह भी कहा कि अगर मनीष सिसोदिया को रिहा किया जाता है तो सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका है.


सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण एवं कार्यान्वयन में अनियमितताओं में कथित संलिप्तता को लेकर सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था. ईडी ने उन्हें 9 मार्च 2023 को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था. मनीष सिसोदिया ने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. मनीष सिसोदिया ने जमानत का अनुरोध करते हुए तर्क दिया है कि वह 17 महीने से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है.


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