Delhi Excise Policy Case: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बुधवार (3 मई) को जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सिसोदिया की बेल को लेकर गुरुवार (4 मई) को हाई कोर्ट में सुनवाई हो सकती है. उनकी जमानत याचिका ट्रायल कोर्ट ने 28 अप्रैल) को खारिज की थी.
ईडी का आरोप है कि इसको लेकर ग्रुप ऑफ मिनिस्ट को नहीं सूचित किया गया. शराब नीती केस से जुड़े सीबीआई के केस में भी मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका को लेकर गुरुवार (4 मई) को ही सुनवाई होनी है. दिल्ली हाई कोर्ट ने पत्नी की बीमारी के आधार पर अंतरिम जमानत का अनुरोध करने वाली सिसोदिया की याचिका पर सीबीआई से गुरुवार (3 मई) को स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
ईडी का क्या कहना है?
दिल्ली की शराब नीति केस से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग केस को लेकर प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) जांच कर रही है. ईडी ने पिछली कई सुनवाई में कोर्ट में दावा किया कि इस नीति में मनीष सिसोदिया की अहम भूमिका रही है. हमारी जांच अहम मोड़ पर है. ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए है.
ईडी ने 2 मई को नई चार्जशीट में दावा किया कि दिल्ली में कथित आबकारी नीति घोटाला आम आदमी पार्टी (आप) के कुछ बड़े नेताओं और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता एवं वाईएसआर कांग्रेस के सांसद एम. श्रीनिवासुलु रेड्डी समेत ‘दक्षिण के समूह’ तथा अन्य का ‘‘षड्यंत्र’’ था.
इससे पहले 31 मार्च को निचली अदालत ने इस मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. अदालत ने कहा था कि सिसोदिया प्रथम दृष्टया इस मामले में आपराधिक साजिश के सूत्रधार थे और उन्होंने दिल्ली सरकार में अपने और अपने सहयोगियों के लिए लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में 'सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख भूमिका' निभाई.
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