Delhi Excise Case: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के घर पर सीबीआई (CBI) की टीम ने छापेमारी की. 14 घंटों से ज्यादा समय तक चली छापेमारी के बाद सीबीआई की टीम उनके घर से निकली. फिलहाल अभी सिसोदिया की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं.
एक ओर आम आदमी पार्टी मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई की छापेमारी को बदले की राजनीति करार दे रही है. वहीं अब ईडी दिल्ली आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर सकती है. जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और उसे लागू किए जाने के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच शुरू कर सकता है.
मनीष सिसोदिया के लिए राहत की बात यह है कि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच से पहले सीबीआई मामले का ब्यौरा और विभिन्न सरकारी अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की जांच करेगी. दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई ने एक एफआईार दर्ज करने के बाद उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और एक आईएएस अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के ठिकानों के अलावा 19 जगहों पर शुक्रवार के दिन छापेमारी की थी.
उपराज्यपाल ने की थी सीबीआई जांच की सिफारिश
बीते साल नवंबर में दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया था. वहीं दिल्ली सरकार ने बीते महीने इस नीति को खत्म कर दिया था. दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने इसी दौरान आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी.
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया है कि दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी. इसमें जीएनसीटीडी अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 का उल्लंघन किए जाने की बात सामने आई है.
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