Delhi Oxygen: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि केन्द्र ने दिल्ली सरकार से इस बारे में कोई जानकारी नहीं मांगी कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण शहर में मरीजों की मौत हुई या नहीं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन का संकट था लेकिन बिना जांच यह सुनिश्चित करना संभव नहीं है कि इसकी कमी के कारण कोई मौत हुई या नहीं.
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र ने हमसे ऑक्सीजन से जुड़े मुद्दे पर कोई जानकारी नहीं मांगी लेकिन दिल्ली सरकार इस मामले में जानकारी इकट्ठा करेगी. बता दें कि पिछले महीने केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा कि इस साल कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का आंकड़ा उन्हें मुहैया कराएं.
दिल्ली में 45 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट शुरू
राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर की तैयारियों के तहत सरकारी अस्पतालों में 55.46 मीट्रिक टन के 45 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र शुरू किए गए. अधिकारियों के मुताबिक, महानगर के विभिन्न सरकारी एवं निजी अस्पतालों में 148.11 मीट्रिक टन (एमटी) क्षमता के करीब 160 पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाए जा रहे हैं.
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में जहां 66 संयंत्र लगाए जा रहे हैं, वहीं दस संयंत्र केंद्र सरकार के अस्पतालों में और 84 निजी अस्पतालों में लगाए जा रहे हैं. डीडीएमए अधिकारियों के साथ शुक्रवार को बैठक के दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि 55.46 मीट्रिक टन क्षमता के 45 पीएसए संयंत्र शुरू हो चुके हैं। इस तरह के 21.06 एमटी क्षमता के 18 संयंत्र 15 अगस्त तक शुरू किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि 9.29 एमटी क्षमता के दस पीएसए संयंत्र 31 अगस्त तक शुरू होंगे और 5.67 एमटी क्षमता के तीन संयंत्र 15 अक्टूबर तक तैयार होंगे.
महानगर में 221 एमटी क्षमता के चार तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) संग्रहण टैंक लगाए जा चुके हैं. अधिकारियों ने बताया कि इस तरह का 50 एमटी क्षमता का एक और टैंक जीटीबी अस्पताल पहुंच चुका है और उसे दस अगस्त तक लगा दिया जाएगा.
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